महू (मप्र)। अब सरकारी अस्पतालों में रिटायर्ड डॉक्टर भी इलाज कर सकेंगे। जरूरत के मुताबिक नए डॉक्टरों की भर्ती न कर पाने पर रिटायर्ड डॉक्टरों को दोबारा सेवा में लिया जा रहा है। इच्छुक रिटायर्ड डॉक्टर दो साल की सेवा का आवेदन जिला स्तर पर ही कर सकेंगे।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुरानी प्रक्रिया को लेकर कई बार मुद्दा उठाया है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि इस प्रक्रिया को जिला स्तर पर ही कराया जाए। इन डॉक्टरों को दो साल के लिए ही रखा जाएगा। फिलहाल जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के पद रिक्त हैं। उम्मीद है कि बदलाव के बाद चिकित्सकों का रुझान बढ़ेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वीकृत पदों के विपरीत इनकी नियुक्ति जिला स्वास्थ्य समिति करेगी। नियुक्तियों का अनुमोदन राज्य स्तर से कराना होगा। अनुमोदन के बाद एचआर एमआईएस सॉफ्टवेयर में अपडेशन जिला स्तर पर हो सकेगा। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आदेश जारी कर दिए हैं। जिला अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के चलते मरीज परेशान होते हैं। अब इससे लोगों को फायदा होगा।
मेडिकल कमीशन बिल को कानूनी रूप मिलने के बाद एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत अब नर्सों को 25 तरह की एलोपैथी दवा लिखने का अधिकार मिल जाएगा। नर्सिंग का कोर्स 4 साल का होता है। इसमें सिर्फ सर्जरी विषय के अलावा बाकी सारे वे विषय शामिल होते हैं, जो एमबीबीएस में पढ़ाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह 25 तरह की दवाएं सामान्य होंगी। यह उन रोगों से संबंधित होंगी, जिनकी संभावना बनी रहती है।