भोपाल। दवा कंपनियों के लिए जरूरी खबर है। अब उनके यहां अचानक जांच की जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग प्रमुख सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि दवा बनाने वाली कंपनियों की औचक जांच होगी। दवा माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियमित तौर पर अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा दवाओं के सैंपल जांचने की भी समय सीमा तय की जाएगी। बैठक में बताया गया कि अभी खाद्य पदार्थों के सैंपलों की जांच रिपोर्ट 14 दिन के भीतर देने का नियम है, लेकिन दवाओं की जांच रिपोर्ट देने की कोई समय सीमा नहीं है। इसके अलावा लैब में सैंपल जांचने की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। गौरतलब है कि राज्य औषधि प्रयोगशाला में हर साल सिर्फ 1800 सैंपल जांचने की क्षमता है। जबकि जरूरत करीब 5 हजार की है। इसमें भी यह समय सीमा तय नहीं है कि जांच कितने दिन में होगी। दूसरी बड़ी दिक्कत यह कि जांच रिपोर्ट देने की कोई तय समय सीमा नहीं है। अब लैब की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। बैठक में खाद्य एवं औषधि प्रशासन और पुलिस अफसर मौजूद रहे।