जयपुर। मास्क व सेनेटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल किए जाने के बावजूद इनकी कालाबाजारी धड़ल्ले से की जा रही है। इस संबंध में शिकायत मिलने पर विधिक माप विज्ञान की टीम ने नेहरू बाजार स्थित एक फर्म पर छापामारी की। औचक निरीक्षण में यहां से 5 हजार 400 मास्क बरामद हुए। टीम दूनी हाउस नेहरू बाजार स्थित फर्म बंसल फार्मा का औचक निरीक्षण करने पहुंची तो वहां पर विधिक माप विज्ञान (डिब्बाबंद वस्तुएं) नियम 2011 का उल्लंघन पाया गया। वहां मास्क को बिना एमआरपी, डिब्बाबंद तरीके के बजाए खुले में सप्लाई किया जा रहा था। इस पर टीम ने 5 हजार 400 मास्कों को अपने कब्जे में ले लिया। वहीं, किशनगढ़, अजमेर स्थित एक मेडीकल स्टोर से भी 45 मास्क जब्त किए गए। यहां भी बिना अंकित मूल्य के मास्क बेचे जा रहे थे। बताया गया कि ये मास्क जयपुर की ही किसी फर्म से सप्लाई किए गए थे।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए बाजार में मास्क एवं हैंड सेनिटाइजर की मनमानी कीमत वसूलने, कालाबाजारी एवं अवैध भंडारण पर प्रभावी रूप से रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें मास्क (2 प्लाई, 3 प्लाई, सर्जिकल मास्क,एन 95 मास्क) एवं हैंड सेनिटाइजर के उत्पादन वितरण लॉजिस्टक्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में शामिल किया गया है जो यह अधिसूचना 30 जून 2020 तक लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि तो प्रदेश के किसी जिले में मास्क एवं हैंड सेनिटाइजर को बिना एमआरपी एवं एमआरपी से ज्यादा, कालाबाजारी एवं अवैध भंडारण की शिकायत पाई जाती है तो उस फर्म या विक्रेता के विरुद्ध ईसी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। ईसी एक्ट में प्रकरण दर्ज होने पर कम से कम 3 महीने एवं अधिकतम 7 साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है।