रायपुर (छग)। कोरोना संक्रमण के इस दौर में राजधानी समेत प्रदेशभर के व्यापारी सैनिटाइजर और मास्क की जमाखोरी और कालाबाजारी में जुटे है। शिकायत के बीच जिला खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने दलदल सिवनी मोवा इंडो जर्मन बायो साइंस कंपनी में दबिश दी। कंपनी में अवैध रूप से सैनिटाइजर का निर्माण कर पैकिंग का काम चल रहा था। जैसे ही खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम पहुंची, कंपनी के संचालक सकते में आ गए। इधर टीम ने कंपनी में निर्माण किए जा रहे अवैध सैनिटाइजर की जांच शुरू कर दी। कार्रवाई में सात हजार तीन सौ 21 लीटर अवैध सैनिटाइजर और पांच हजार लीटर कच्चा माल जब्त किया गया। अधिकारियों ने बताया कि कंपनी में कृषि संबंधित दवाएं विक्रय की जाती हैं। साथ ही कंपनी को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। छापामार कार्रवाई के दौरान जिला सहायक औषधि नियंत्रक बीआर साहू, औषधि नियंत्रक नीरज साहू, डॉ. परमानंद साहू, डॉ. टेकचंद्र, डॉ. सुरेश साहू, हंसा साहू, नमूना सहायक संतोष धु्रव, राजेश सोनी शामिल रहे। कोरोना को लेकर जिस तरह से दवा बाजार ने मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाजारी शुरू कर दी है। इसे लेकर लगातार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल व दवा बाजार की नियमित जांच की जा रही है। लगातार अपील के बाद भी दवा बाजार में कालाबाजारी और जमाखोरी की शिकायतें लगातार मिल रही है। जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सहायक नियंत्रक बीआर साहू ने बताया कि दलदल सिवनी में नीलेश गुप्ता द्वारा अपने फर्म में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से सैनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा था। शिकायत के आधार पर हमने छापामार कार्रवाई की। उनके यहां मिले सैनिटाइजर को जब्त कर कंपनी सील कर दिया गया है। मामले की फाइल बनाकर कोर्ट में पेश करेंगे।