रिलेशनशिप में प्यार जताने के बहुत से तरीके माने जाते हैं। जब एक दूसरे को दिल से स्वीकार कर लिया जाता है तब ये रिश्ता शारीरिक संबंध बनाने तक भी पहुंच जाता है। इस दौरान सुरक्षा का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जब भी सुरक्षित यौन संबंध बनाने की बात आती है तब कंडोम का जिक्र होता है। कंडोम की मदद से अनचाही प्रेगनेंसी, यौन रोग, संक्रमण आदि के खतरे से बचा जा सकता है। सेफ सेक्स के लिए नॉर्मल कंडोम की तरह अब डेंटल डैम यानी मुंह के कंडोम प्रयोग भी किया जाता है। डेंटल डैम का इस्तेमाल विशेषतौर पर ओरल सेक्स से पहले किया जाता है।
संक्रमण से करता है बचाव
डेंटल डैम के निर्माण में लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन जैसे स्ट्रेच मैटीरियल का इस्तेमाल किया जाता है। ओरल सेक्स के समय में योनि, लिंग और उसके आसपास मुंह, जीभ और होंठ का संपर्क होता है जिसकी वजह से यौन संचारित रोग फैलने का खतरा बना रहता है। इस संक्रमण से बचने के लिए ही डेंटल डैम (मुंह के कंडोम) को उपयोग में लाया जाता है।
कैसा होता है डेंटल डैम या मुंह का कंडोम?
डेंटल डैम आकार में काफी पतला और छोटा होता है। इसका इस्तेमाल मुंह से जुड़ा होने के कारण इसे मुंह का कंडोम कहा जाता है। यह कॉन्डम ओरल सेक्स के दौरान फैलने वाले संक्रमण और यौन रोगों से रक्षा करता है। डेंटल डैम कई रंगों में आता है। आमतौर पर यह चौकोर या वर्गाकार आकार का होता है। डेंटल डैम कई तरह की सुगंध में आता है और इसके ऊपर किसी भी तरह का ल्यूब लगाए बिना इसे किया जा सकता है।
सुरक्षित विकल्प है डेंटल डैम
सामान्य कंडोम की तरह डेंटल डैम कंडोम का इस्तेमाल भी सावधानीपूर्वक और सही तरीके से करना जरूरी है। प्रारंभ में इसका इस्तेमाल आपको असहज लग सकता है लेकिन आपके इंटिमेट पलों के लिए ये काफी उपयोगी है।
डेंटल डैम का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें ये बातें
- डेंटल डैम का इस्तेमाल बहुत ही सेंसेटिव जगह पर किया जाता है इसलिए इसका इस्तेमाल भी सावधानी से करें।
- डेंटल डैम कंडोम का पैकेट खोलें और उस चौकोर, वर्गाकार या आयताकार शीट को अपने पार्टनर के प्राइवेट अंग के ऊपर रखें। इससे वो जगह सीधे मुंह के संपर्क में आने से बच सकेगा।
- लेटेक्स से बने डेंटल डैम ही प्रयोग में लाएं। एक बार डेंटल डैम का इस्तेमाल करने के बाद इसे फिर प्रयोग के लिए बिल्कुल ना रखें और इसे सीधे कूड़ेदान में डालें।