नई दिल्ली। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर कोरोनावायरस महामारी के दौरान चार गुना महंगे रेट पर सामान बेचने का आरोप है। कोविड-19 महामारी में टॉयलेट पेपर, हैंड सैनिटाइजर जैसे कई जरूरी प्रोडक्ट पर ज्यादा चार्ज ले रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेजन द्वारा बेची गई लिस्ट में हैंड सैनिटाइजर के लिए 48% से ज्यादा पैसा लिया गया है। डिस्पोजेबल फेस मास्क के पैक की कीमत में 900 से लेकर 1000% की बढ़ोतरी रही। टॉयलेट पेपर की बात की जाए तो एक नॉन प्रॉफिट ग्रुप ने कहा कि इसके 8 रोल के पैक को जून में करीबन 2,700 रुपए में बेचा गया। जबकि अन्य रिटेलर्स ने महज 505 रुपए में यह पेपर्स बेचा। एक बोतल एंटी बैक्टीरियल साबुन को अमेजन ने 511 रुपए में बेचा जबकि दूसरे रिटेलर्स ने इससे 470 प्रतिशत कम यानी 138 रुपए पर बेचा। रिपोर्ट में पाया गया है कि मई से लेकर अगस्त तक कुछ जरूरी वस्तुओं को अमेजन ने चार गुना महंगा रेट पर बेचा है। ऐसे में कंपनी पर उचित मूल्य नीति को तोड़ने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अमेजन ने देश के कई राज्यों में उत्पादों की कीमतें कुछ इस तरह से निर्धारित कीं, जिसे यहां के मूल्य निर्धारण कानून का उल्लंघन माना जाएगा। रिपोर्ट का जवाब देते हुए अमेजन ने कहा कि हमारी सेवाओं पर और जिन उत्पादों को हम सीधे बेचते हैं, उन पर कीमतों को लेकर कोई हेर फेर नहीं होती है। हमारा सिस्टम इस तरह बनाया गया है कि ग्राहकों को अच्छी कीमतों पर ऑन लाइन प्रोडक्ट मिले। यदि इसमें कोई एरर या गलतियां होती हैं तो हम इसे तुरंत सुलझाते हैं। हालांकि रिपोर्ट ने यह चुनौती दी है कि अमेजन का दावा केवल थर्ड पार्टी के प्रोडक्ट के लिए है। क्योंकि फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर की कीमतों में कोरोना के दौरान बढ़त देखी गई है। अमेजन ने इसके लिए सार्वजनिक रूप से कीमतों में वृद्धि के लिए तथाकथित थर्ड पार्टी सेलर्स को ही जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल कंज्यूमर के अधिकारों पर बात करने वाली अमेरिका की एक संस्था पब्लिक सिटीजन की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में करीब 42 से ज्यादा प्रोडक्ट्स का जिक्र किया गया है जिसे ग्राहकों को महंगे दामों पर बेचा गया है।