नई दिल्ली। फार्मा सेक्टर का सबसे बड़ा आईपीओ शेयर बाजार में उतर रहा है। शंघाई फोसन फार्मा की मेजोरिटी हिस्सेदारी वाली ग्लैंड फार्मा ने IPO से 6 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। दरअसल ये चीन की मेजोरिटी हिस्सेदारी वाली किसी कंपनी का पहला आईपीओ होगा। आईपीओ के तहत 1,250 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू जारी किया जाएगा। जबकि 4,750 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल रखा जा सकता है। यानी इस इश्यू का साइज 6000 करोड़ रुपए है। आईपीओ के लीड मैनेजर में सिटी, नोमुरा और कोटक महिंद्रा बैंक हैं। दरअसल फोसन फार्मा के निवेश वाली कंपनी ग्लैंड फार्मा के आईपीओ में 1250 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे। 3.49 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल के जरिए की जाएगी। फोसन इसके जरिए 1.9 करोड़ शेयर बेच रही है, जबकि ग्लैंड सेल्सस बायो केमिकल्स की भी 1 करोड़ शेयर बेचने की योजना है। एम्पावरमेंट डिस्क्रिशनरी ट्रस्ट अपने 35.73 लाख शेयर बेचेगा। वहीं,निलय विवेकाधीन ट्रस्ट अपने 18.45 लाख शेयर बेच रहा है। गौरतलब है कि कंपनी ने जुलाई में सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल किया था और उसे पिछले हफ्ते इसके लिए मंजूरी मिली थी. कंपनी में फ़ोसुन सिंगापुर की 74 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी के अन्य निवेशको में ग्रंथि सेलस (12.97 फीसदी),एम्पावरमेंट डिस्क्रिशनरी ट्रस्ट (5.08 फीसदी) और निलय विवेकाधीन ट्रस्ट (2.42 फीसदी) शामिल हैं। दरअसल ग्लैंड फार्मा हैदराबाद की कंपनी है। यह इंजेक्टेबल दवाओं को बनाती है। सेबी की ये मंजूरी उस समय आई है जब भारत में फार्मा सेक्टर में जोरदार तेजी है और भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद गहरा गया है। फार्मा स्टॉक्स ने अच्छा रिटर्न दिया है। ऐसे में ग्लैंड फार्मा के IPO को बेहतर रिस्पांस मिल सकता है। बैंकरों के मुताबिक, हैदराबाद की दवा कंपनी ग्लैंड फार्मा 6,000 करोड़ रुपए का IPO ला रही है। यह देश में किसी भी दवा कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। इससे पहले यह रिकॉर्ड एरिस लाइफसाइंसेज के नाम था, जिसने 2017 में 1,741 करोड़ रुपए जुटाए थे। अल्केम लैबोरेटरीज ने 2015 और लॉरस लैब्स ने 2016 में 1350 करोड़ रुपए जुटाए थे। अब तक केवल 14 भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 6,000 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि जुटाई है।