नई दिल्ली। साल 2020 में कोरोना की एंट्री को लेकर जहां पूरा देश दहसत में आ गया था। तो वहीं दूसरी तरफ नए साल में कोरोना वैक्सीन भी आ गयी है। हालांकि लोगों को ये उम्मीद नहीं थी की इतनी जल्दी ये खुशखबरी मिल जाएगी। या यू कहें कि नए साल में इतना बड़ा देश के लोगों को तोहफा मिलेगा। बतादे कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोविड-19 के इलाज के लिए दो वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी। ये दो वैक्सीन हैं- कोविशील्ड और कोवैक्सीन। कोविशील्ड जहां असल में ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का भारतीय संस्करण है वहीं कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है जिसे ‘स्वदेशी वैक्सीन’ भी कहा जा रहा है।

कोविशील्ड को भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कंपनी बना रही है। वहीं, कोवैक्सीन को भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बना रही है। ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी ब्रिटेन में मिलने के बाद ऐसी पूरी संभावना थी कि कोविशील्ड को भारत में मंज़ूरी मिल जाएगी और आख़िर में यह अनुमति मिल गई। लेकिन इसके साथ ही और इतनी जल्दी कोवैक्सीन को भी भारत में अनुमति मिल जाएगी इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। लेकिन इसके साथ ही और इतनी जल्दी कोवैक्सीन को भी भारत में अनुमति मिल जाएगी इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। कोवैक्सीन को इतनी जल्दी अनुमति दिए जाने के बाद राजनीतिक पार्टी समेत कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

गौरतलब है कि नए साल के आते ही भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर जबरदस्त सफलता मिली है। सरकार की ओर से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को मंजूरी मिल गई है। देश के अलग-अलग राज्यों में वैक्सीनेशन का ड्राई रन भी हुआ है, ऐसे में तैयारी पूरी है और जल्द ही देश में वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा। लेकिन अभी भी वैक्सीनेशन को लेकर कुछ ऐसे सवाल हैं जो आशंका पैदा करते हैं और जिनका जवाब हर किसी को जानना जरूरी है। इन्हीं सवालों पर हम आपको बताएंगे कि एक्सपर्ट और सरकार का डेटा क्या कहता है। दरअसल भारत सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर एक कमेटी बनाई थी, जिसने इसपर डिटेल से काम किया। इसी की सिफारिश के आधार पर सरकार ने शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को प्राथमिक सूची में रखा है।

इनमें भी सबसे पहले हेल्थवर्कर, सुरक्षाकर्मी, अन्य कोरोना वॉरियर्स, 50 वर्ष से अधिक उम्र और गंभीर बीमारी वाले लोग शामिल हैं। देश में दो वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, ड्राई रन भी हो गया है। ऐसे में सबकुछ तैयार है, अगले एक या दो हफ्ते के भीतर देशव्यापी वैक्सीनेशन का काम शुरू हो सकता है। बतादें कि भारत सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर एक कमेटी बनाई थी, जिसने इसपर डिटेल से काम किया. इसी की सिफारिश के आधार पर सरकार ने शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को प्राथमिक सूची में रखा है। इनमें भी सबसे पहले हेल्थवर्कर, सुरक्षाकर्मी, अन्य कोरोना वॉरियर्स, 50 वर्ष से अधिक उम्र और गंभीर बीमारी वाले लोग शामिल हैं।

दरअसल वैक्सीन का डोज लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। और उसके लिए सेंटर पर जाकर आपको अपने जरूरी कागज दिखाने होंगे, उसके आधार पर ही आपको वैक्सीन दी जाएगी। बतादें कि देश में अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को मंजूरी मिली है। इसके अलावा कई अन्य वैक्सीन अपने अंतिम ट्रायल में हैं, जिनमें रूसी वैक्सीन, मॉर्डना, फाइजर जैसी वैक्सीन शामिल हैं। ऐसे में इनका ट्रायल पूरा होने के बाद ही इन्हें मंजूरी मिल सकती है। बतादें कि भारत में वैक्सीन की कुल दो डोज दी जानी हैं। पहली और दूसरी डोज के बीच कुल 28 दिनों का अंतर रहेगा। यानी आपको दो बार वैक्सीन सेंटर पर जाना होगा।

दरअसल सरकार ने अभी ड्राई रन में जिस नीति को अपनाया है उसके अनुसार जिलों, कस्बों, गावों में मौजूद सरकारी अस्पतालों या अन्य स्थानों पर सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। जहां पर नियमित रूप से जानकारी देकर कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। यानी सेंटर पर जाकर ही टीका लगवाना होगा। तो वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का कहना है कि सभी को वैक्सीन की पूरी डोज लेनी चाहिए। ऐसे में अगर आप पहला डोज़ लगवाते हैं, तो दूसरा भी लगवाना चाहिए। ताकि कोरोना के खिलाफ इलाज पूरा हो और इम्युनिटी बन सके। एंटीबॉडी बनने के बाद ही कोरोना से लड़ाई मजबूत होती है। लेकिन ये शरीर में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज़ मिलने के कुछ दिनों बाद ही मिलती है। दरअसल पहली डोज और दूसरी डोज के अंतर के दौरान आपको सतर्क रहना होगा और अभी तक जिन कोरोना गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं उसे ही मानना होगा। अगर लापरवाही बरती गई, तो वैक्सीन का असर कम ही होगा। ऐसे में मास्क, दो गज दूरी और बार-बार हाथ धोना तब भी जरूरी ही होगा।

अगर आपने वैक्सीन सेंटर पर डोज़ लिया है, तो कुछ देर तक आपको वहीं पर आराम करना चाहिए। करीब आधा घंटा आप वहां ही आराम करें, इस दौरान आपको कोई दिक्कत आती है तो तुरंत डॉक्टर या वहां मौजूद अधिकारी से संपर्क करें। तो वहीं सरकार का कहना है कि तमाम नियमों का पालन करने के बाद ही वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। सतर्कता पूरी तरह बरती गई है, इसके बाद भी हर वैक्सीन से जुड़े कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। सभी राज्यों से इसको लेकर तैयारी बरतने को कहा गया है। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद आप पूरी तरह सुरक्षित हो जाएंगे। हालांकि, वैक्सीन आपको काफी हद तक प्रोटक्शन देगी।

लेकिन फिर भी आपको पूरी तरह सतर्क रहना होगा। कोविड गाइडलाइन्स का पालन करना होगा ताकि आप खुद को सुरक्षित रख सकें. मास्क, दो गज दूरी और हाथ धोना लगातार करना चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने शुरुआती चरण में स्वास्थ्यकर्मी, कोविड वॉरियर्स और कुछ अन्य को वैक्सीन देने की लिस्ट बनाई है। ऐसे में उनके परिवारवालों को अभी ये वैक्सीन नहीं दी जाएगी. अन्य लोगों का नंबर तभी आएगा, जब सरकार आगे की रणनीति पर काम करेगी। बतादें कि भारत में वैक्सीनेशन से जुड़ा काम पिछले 16 साल से चल रहा है, ऐसे में वैक्सीनेशन में भारत जैसे देश को कोई दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही देश में जो वैक्सीन बनाई गई हैं, उन्हें सामान्य हालातों में रख सकते हैं। ऐसे में भारत के तापमान के अनुसार ये काफी बेहतर हैं, जो किसी भी हिस्से में कारगर साबित होगी। हालांकि अभी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है।

इसका मतलब ये अभी बाजार में नहीं बिक पाएंगी। जब वैक्सीन का काम शुरू होगा, उसके बाद ड्रग रेगुलेटर की ओर से हर हफ्ते डेटा निकाला जाएगा जिसके आधार पर आगे की तैयारी होगी। गौरतलब है कि सभी के मन में एक और सवाल उठ रहा है कि क्या वैक्सीन लगवाने के लिए पैसे देने होंगे? बतादें कि भारत में वैक्सीन मुफ्त मिलेगी या फिर नहीं, अभी इसकी तस्वीर साफ नहीं है। बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री का बयान था कि पूरे देश में वैक्सीन मुफ्त मिलेगी, फिर बाद में उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को ये मुफ्त दी जाएगी। इसके अलावा अलग-अलग राज्य सरकारें अपने हिसाब से नियम तय कर रही हैं। ऐसे में वैक्सीन मुफ्त होगी या नहीं, अभी इसपर देशव्यापी फैसला नहीं है।