मुरादाबाद। मानसिक रोगियों के लिए जिला अस्पताल में ओपीडी संचालित की जा रही है। इसमें मरीजों के परीक्षण के बाद उन्हें दवाइयां दी जा रहीं हैं। पिछले एक माह से नौ दवाइयां खत्म हो चुकी हैं। मानसिक रोगियों के लिए ये जरूरी हैं। मरीज दवा का रेपर दिखाते हैं तो उन्हें दूसरी दवा ये कहकर थमा दी जाती है कि उसी दवा का रेपर बदला हुआ है, साल्ट वही है।
मरीज जब पढ़ा लिखा होता है तो उससे कोई कुछ नहीं कहता लेकिन, पढ़ा लिखा नहीं है तो वो वही दवा लेकर वापस भेज दिया जाता है। तो वहीं नोडल अधिकारी मानसिक रोग – डॉ. जीएस मर्तोलिया ने बताया कि मानसिक रोग की ओपीडी के लिए कई बार कारपोरेशन को पत्र भेजा जा चुका है। वहां से कोई जवाब नहीं मिला है। कुछ दवाइयां यहां बची हैं। दो दिन में वो भी खत्म हो जाएंगी। इसके बाद मरीजों को दिक्क्त होगी। दरअसल हालात ये हैं कि दवाएं नहीं होने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। अब सिर्फ दो दिन का ही स्टाक रखा है।
कारपोरेशन से स्टाक नहीं मिलता है तो दवा पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इसके बाद मरीजों की परेशानी और भी बढ़ जाएगी। बतादें कि जिला अस्पताल में ये दवाएं खत्म हो गयी है। लोराजिपॉम, एमिट्रिप्टलाइन-एचसीएल-10 एमजी, टेबलेट सर्टरलाइन 50 एमजी, एस्कीपालोनोलोल 20 एमजी, एस्केपीलोप्राम 10 एमजी, टेबलेट कार्बामाजाइन 200 एमजी, टेबलेट कार्बामाजाइन 400 एमजी, टेबलेट सोडियम वलप्रोरेट 200 एमजी, सोडियम वलप्रोरेट 500 एमजी, ट्राइहेक्सीफेनड्रिल 02 एमजी।