वाशिंगटन। कोविड-19 रोधी वैक्सीन बनाने वाली फाइजर इंक अब कोरोना की मुंह के जरिए ली जाने वाली दवा का परीक्षण कर रही है। फाइजर इंक ने सोमवार को कहा कि उसने वायरस के संपर्क में आने वाले लोगों पर संक्रमण की रोकथाम के लिए मुंह के जरिए ली जाने वाली एंटीवायरल दवा का परीक्षण करने के लिए मध्य से लेकर अंतिम चरण का अध्ययन शुरू कर दिया है। फाइजर इंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 2,660 वयस्क प्रतिभागियों पर मुंह के जरिए ली जाने वाली दवा पीएफ-07321332 का अध्ययन किया जाएगा।
कंपनी का कहना है कि पीएफ-07321332 का ट्रायल रीटोनाविर की कम खुराक के साथ संयुक्त डोज के तौर पर किया जाएगा। रीटोनाविर एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के तौर पर व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली एक पुरानी दवा है। मर्क और पार्टनर रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स ने इस महीने की शुरुआत में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए अपनी दवा मोलनुपीराविर के ट्रायल में प्रतिभागियों का नामांकन शुरू कर दिया था। मालूम हो कि फाइजर इंक के अलावा अमेरिका की मर्क एंड कंपनी इंक और स्विस फार्मास्युटिकल रोश होल्डिंग एजी भी कोविड-19 रोधी पहली एंटीवायरल गोली विकसित करने की दौड़ में हैं।
मालूम हो कि वैश्विक दवा कंपनियां फाइजर और बायोएनटेक एसई ने मिलकर काफी पहले ही कोविड रोधी वैक्सीन विकसित कर चुकी हैं। हाल ही में फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि कोविड-19 रोधी वैक्सीन के परीक्षण के नतीजों से पता चला है कि उनका टीका पांच से 11 साल की उम्र के बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। इससे बच्चों में भी मजबूत एंटीबाडी पैदा होती है। इसके लिए ये कंपनियां जल्द से जल्द नियामक मंजूरी लेने की योजना भी बना रही हैं।