आगरा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार एवं औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। दोनों पर अवैध वसूली, धोखाधड़ी व अमानत में खयानत के आरोप हैं। न्यू आगरा के लायर्स कालोनी निवासी नरेंद्र कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। जिसके अनुसार वादी की सुल्तानगंज पुलिया पर मेडिकल स्टोर है। उसके पास औषधि विभाग द्वारा 17 अप्रैल, 2017 को जारी किया गया लाइसेंस है। जो 22 अप्रैल 2022 तक मान्य है।

वादी का आरोप है कि 22 जनवरी, 2021 को आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार पांच-छह पुलिसकर्मियों के साथ उसके मेडिकल स्टोर पर पहुंचे। आबकारी निरीक्षक ने उसकी दुकान पर मौजूद कर्मचारियों नाहर सिंह व रंजीत सिंह से कहा कि उनकी दुकान पर टिंचर बिकती है। जिसके लिए उन्हें दस हजार रुपये महीने देना होगा। कर्मचारियों द्वारा मना करने पर उन्होंने गाली-गलौज करते हुए झूठा मुकदमा लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। वादी के अनुसार उसकी दुकान पर केवल औषधि अनुज्ञप्ति के अनुसार औषधियों का क्रय-विक्रय किया जाता है।

आबकारी अधिनियम के अंतर्गत आने वाली औषधियों की बिक्री नहीं की जाती। इसके बावजूद 22 जनवरी से उसकी दुकान पर आबकारी विभाग का एक सिपाही रोज आ रहा था। पुलिसकर्मी द्वारा धमकी दी जाती कि यदि दुकान खोली तो नारकोटिक्स एक्ट में चालान कर जेल भेज दिया जाएगा। वादी के अनुसार 25 जनवरी की दोपहर आबकारी विभाग के पुलिसकर्मियों ने उसकी दुकान की जबरन तलाशी लेने का प्रयास किया। रोकने पर गाली-गलौज की। वादी के अनुसार उसने इसकी शिकायत डीएम, एसएसपी व प्रमुख सचिव आबकारी लखनऊ से की।

पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत से क्रुद्ध होकर 31 जनवरी को आबकारी निरीक्षक एवं पुलिसकर्मियों ने उसकी दुकान बंद करा दी। वहीं, 19 फरवरी को औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक व आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे। उसके कर्मचारी रंजीत के खिलाफ आबकारी अधिनियम एवं धाेखधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया। वादी द्वारा अपने अधिवक्ता दीपक शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था।