ग्रेटर नोएडा : मेरठ मंडल के विभिन्न जिलों के औषधि विभाग की टीमों ने छापेमारी कर दो कमरों में चल रही नकली स्टेरॉयड बनाने की कंपनी का भंडाफोड़ किया. आरोपियों के पास से 1.25 करोड़ रुपये की स्टेरॉयड, एक गाड़ी, स्कूटी, मशीनें और उपकरण भी बरामद किए गए थे. स्टेरॉयड का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है.
इंपोर्टेड के नाम पर मनमाना पैसा वसूल रहे थे. भविष्य में गिरोह बड़ी मात्रा में स्टेरॉयड के इंजेक्शन की खपत कर करोड़ों रुपये कमाने की फिराक में था.
अवैध रूप से चल रही कंपनी में नकली स्टेरॉयड का एक इंजेक्शन 50 से 60 रुपये में तैयार होता था. एक बॉयोटेक इंजीनियर ने दो युवकों के साथ मिलकर छह माह पहले बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के बिसनुली गांव में एक कंपनी शुरू की थी.
इसके बाद तीनों मिलकर नामी विदेशी कंपनियों के नाम पर यह इंजेक्शन हरियाणा और पंजाब के युवाओं को 3 हजार से 5 हजार रुपये में बेच देते थे. मुख्य आरोपी अनुज ने चेन्नई के टीआईएल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बॉयोटेक इंजीनियरिंग की थी. अधिक मुनाफा कमाने के लालच में सभी ने स्टेरॉयड का इंजेक्शन बेचना शुरू कर दिया था.
पुलिस ने मुख्य आरोपी अनुज, बचन कुमार और प्रीतम को गिरफ्तार किया. वहीं दो आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं.
दादरी में तैयार स्टेरॉयड को रूस, अमेरिका, बर्लिन, मैक्सिको समेत अन्य देशों के नाम पर युवाओं को बेचा जा रहा था.