नई दिल्ली : डेंगू विश्व में सार्वजनिक स्वास्थ्य के 10 सबसे बड़े जोखिमों से एक है. भारत में मॉनसून के समय यह बीमारी तेजी से फैल जाती है. इस बार सरकार ने डेंगू से लड़ाई का आर-पास का मूड बना लिया है।
इसके लिए बायोटेक्नोलॉजी विभाग के टीएचएसटीआई ने डीएनडीआई के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत आने वाले पांच साल के अंदर डेंगू की प्रभावशाली दवा विकसित किया जाएगी।
देश में डेंगू का प्रकोप प्रति वर्ष रहता है. हर साल हजारों लोग डेंगू (Dengue ) से संक्रमति होते हैं । इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है.
डेंगू के लिए अब तक कोई एंटीवायरल दवाई नहीं है. इसमें वैक्सीनन का इस्तेमाल भी सीमित है. हालांकि डेंगू के इलाज के लिए रिसर्च हो रही है लेकिन अब तक हमने इस दिशा में कोई कारगर परिणाम हासिल नहीं कर सके.
इस योजना के तहत सरकारी संस्था और गैर सरकारी संस्था मिलकर रिसर्च करेंगे और डेंगू के लिए प्रभावकारी, सुरक्षित और सस्ती दवा विकसित करेंगे.
समझौते के तहत डेंगू के उपचार के लिए प्री क्लिनिकल अध्ययन किया जाएगा. इसमें पहले से तैयार दवाइयों का उपयोग कर यह परखा जाएगा कि इनका प्रभाव डेंगू पर कितना होता है.