जींद। जींद नागरिक अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसकी वजह से एक 55 वर्षीय महिला की जान चली गई। अस्पताल के डॉक्टर द्वारा पथरी के आपरेशन के दौरान एक महिला मरीज के पेट में पट्टी छोड़ने का मामला सामने आया है। पेट में लगभग आठ माह तक पट्टी रहने से दर्द से कहराती रही और बाद में जब हिसार के निजी अस्पताल में आपरेशन के माध्यम से पट्टी को निकाला तो महिला की आंते गल कर खराब हो चुकी थी और आठ जुलाई को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

अब महिला के स्वजनों ने जींद के नागरिक अस्पताल के सर्जन के खिलाफ हिसार के अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दी है। नागरिक अस्पताल जींद को जब इस बारे में पता चला तो हड़कंप मच गया। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. लोकवीर ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ चुका है, इसकी जांच करवाई जाएगी। पुलिस महिला के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है।

हिसार जिले के गांव भकलाना निवासी अनूप ने हिसार के अर्बन एस्टेट थाने में दी शिकायत में बताया कि उसकी 56 वर्षीय मां मूर्ति देवी के पित्त की थैली में पथरी थी और उसका चेकअप नागरिक अस्पताल जींद में करवाया था। इसके बाद सर्जन डा. चंद्रमोहन ने आपरेशन के लिए 15 दिसंबर को नागरिक अस्पताल जींद में दाखिल करवा लिया। 16 दिसंबर को डा. चंद्रमोहन ने उसकी मां मूर्ति देवी का आपरेशन करके पथरी निकाल दी और 20 दिसंबर को डिस्चार्ज कर दिया।

आपरेशन के 15 दिनों के बाद मेरी मां के पेट पर लगे टांके कटवाने के लिए नागरिक अस्पताल जींद में लेकर आए। जहां पर दो टांके काटे गए और बाकि में रेशा होने की बात कहकर बाद में आने के लिए कह दिया। बाद में आठ-दस दिन के बाद सभी टांकों को निकाल दिया, लेकिन उसकी मां के पेट में उसके बाद भी हल्का दर्द था। इस पर सर्जन डा. चंद्रमोहन ने बोले कि कुछ दिन बाद दर्द अपने आप ही ठीक हो जाएगा, लेकिन कुछ समय के बाद मेरी मां का दर्द बढ़ने लगा। मई-जून माह में दर्द ज्यादा बढ़ गया और खाते ही उल्टी आनी शुरू हो गई। इस बीच में चिकित्सक को दिखाया, लेकिन कोई आराम नहीं हुआ।

ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर चार जुलाई को इलाज के लिए हिसार के शांति देवी अस्पताल में दाखिल करवाया। जहां पर अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन किया। इसमें पेट के अंदर कुछ दिखाई दे रहा था। उसको क्लीयर करने के लिए चिकित्सक ने इंडोसकापी की तो उसमें पट्टी दिखाई दी। चिकित्सक ने जब आपरेशन किया तो पेट के अंदर 8 बाई 6 की पट्टी मिली। इसके चलते उसकी मां की आंतों में काफी इंफेक्शन हो गया था। इसके चलते चिकित्सक ने छोटी आंत को काटकर उसकी जगह पर कृत्रिम लगाई गई, लेकिन पट्टी के चलते पेट में ज्यादा इंफेक्शन होने के कारण आठ जुलाई को उसकी मां मूर्ति देवी की मौत हो गई।

अनूप ने आरोप लगाया कि नागरिक अस्पताल के सर्जन डा. चंद्रमोहन के आपरेशन में लापरवाही के चलते उसकी मां की पेट में पट्टी रही है और उसके चलते ही उसकी मौत हुई है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। हिसार अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने महिला के शव का उसी दिन पोस्टमार्टम करा स्वजनों को सौंप दिया था।

नागरिक अस्पताल के सर्जन डा. चंद्रमोहन ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है। महिला द्वारा सात-आठ माह पहले आपरेशन करवाया था। उनके द्वारा काफी आपरेशन किया जा चुके हैं लेकिन इस तरह की कोई लापरवाही नहीं की गई है। परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो निराधार हैं। आपरेशन के बाद महिला के परिवार का कोई भी सदस्य उनसे नहीं मिला है। उनको भी घटना के बारे में मीडिया के माध्यम से ही पता चला है।

नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. लोकवीर सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। हालांकि इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग द्वार इस मामले पर खुद संज्ञान लिया गया है और मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर शिकायत आती है तो शिकायतकर्ता को भी जांच में शामिल किया जाएगा।

हिसार अर्बन एस्टेट थाने के जांच अधिकारी सिकंदर ने बताया कि महिला का आपरेशन जींद के नागरिक अस्पताल में हुआ है, इसलिए जांच क्षेत्र जींद पुलिस का बनता है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आते ही शिकायत को जींद पुलिस के पास भेज दिया जाएगा। स्वजनों ने पेट में पट्टी छोड़ने के चलते महिला की मौत का कारण बताया है। इस तरह की कोई लापरवाही नहीं की।