बिहार: बिहार सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले छात्रों का खर्चा कम होगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में  प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर सरकारी फीस पर ही पढ़ाई के प्रस्ताव को मुहर लगा दी है।

50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी कॉलेजों के हिसाब से फीस (बिहार)

कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के सभी स्व वित्तपोषित मेडिकल कॉलेज और डीम्ड विश्वविद्यालय अपनी 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी कॉलेजों के हिसाब से फीस लेंगे। राज्य के सभी प्राइवेट मेडिकल पर नामांकन और अन्य शुल्क राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए निर्धारित शुल्क के अनुरूप होगा। यह फैसला मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि कैबिनेट ने मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए सभी सरकारी कॉलेजों अस्पतालों में समान फीस लागू करने का भी फैसला लिया है। इस निर्णय को लागू करने के बाद सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के दौरान 40,800 रुपए शुल्क लिया जाएगा। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश के समय छात्रों से 49,200 रुपए शुल्क लिया जाएगा।

फार्मा का हब बनेगा उत्तर प्रदेश, मिलेगा रोजगार और दवाओं के परिवहन का बचेगा खर्चा

12 कॉलेजों की फीस बराबर 

अभी तक राज्य में 12 सरकारी कॉलेज हैं और आज के फैसले से निजी कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस सरकारी कॉलेज की फीस के बराबर ही होगी। इसके अतिरिक्त दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग से 270 शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। इसके लिए 270 पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। नीतीश सरकार के इस फैसले से अब मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को पढ़ाई का खर्चा कम होगा।

नकली दवा बेचने पर ड्रग विभाग का छापा

https://medicarenews.in/news/35742