फार्मा का हब बनेगा उत्तर प्रदेश, मिलेगा रोजगार और दवाओं के परिवहन का बचेगा खर्चा

फार्मा का हब बनेगा उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश फार्मा का हब बनने वाला है। प्रदेश में फार्मा पार्क और उप्र. इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट की स्थापना होगी। जिससे रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी इसके साथ ही दवाओं के परिवहन का खर्चा भी बचेगा।

घरेलू दवाओं के बाजार को मिलेगा बढ़ावा (उत्तर प्रदेश)

फार्मा पार्क और उप्र. इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट की स्थापना होने से घरेलू दवाओं के बाजार को बढ़ावा मिलेगा। अब प्रदेश में ही दवाओं का उत्पादन  होगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। लखनऊ के एसजीपीजीआई में डिवाइस पार्क और नोएडा के पास मेडटेक पार्क तैयार किए जा रह हैं। इससे स्पष्ट  है कि दवाओं और उपकरण निर्माण के क्षेत्र में अब यूपी स्वावलंबी बनने की ओर बढ़ रहा है। बता दें कि अभी तक इस तरह के पार्क देश में केवल केरल, हिमाचल और कर्नाटक में ही हैं। यूपी में ज्यादातर दवाएं हिमाचल से ही आ रही हैं। एनबीआरआई, सीमैप, सीडीआरआई और आईआईटीआर जैसी वैज्ञानिक संस्थाएं पहले से ही हैं। इसका भी फायदा प्रदेश को मिलेगा।

शोध को मिलेगा बढ़ावा

इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट बनने से शोध के क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी। दवाएं बनने में प्रयोग होने वाले केमिकल को नए सिरे से विकसित किया जाएगा। फार्मा के क्षेत्र में शोध करने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। नई दवाओं मौजूद होंगी साथ ही वैक्सीन का भी इस्तेमाल होगा। एकेटीयू केडीन इनोवेशन एंड इक्यूबेशन प्रो. बीएन मिश्रा ने कहा कि इंस्टीट्यूट के बनने से डायग्नोसिस किट भी तैयार हो सकेगी। अब नई दवाओं के खोज में जानवरों पर प्रयोग कम हो रहा है। ऐसे में भविष्य में ह्यूमन मॉडल बनाया जाएगा और उस पर प्रयोग किया जा सकेगा।

फार्मा पार्क की स्थापना और विकास के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान

योगी सरकार की ओर से  बजट में फार्मा पार्क की स्थापना एवं विकास के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। फार्मा पार्क  को बनाने के लिए  सरकार ने ललितपुर में करीब 2000 एकड़ जमीन चिह्नित की है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर 1560 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे।

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फार्मा हब बनने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रदेश में करीब डेढ़ लाख से अधिक प्रशिक्षित फार्मासिस्ट हैं। हर साल करीब 20 से 25 हजार बी फार्मा, एम फार्मा, पीएचडी छात्र निकलते हैं।

 

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