कैंसर एक ऐसी भयंकर बीमारी है जिससे दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। सही समय पर इलाज नहीं होने से ये बीमारी भयानक रुप ले लेती है। कैंसर का इलाज अभी भी कठिन है। इस बीमारी से निदान के लिए लगातार प्रयास जारी है।

इसी बीच में अमेरिका में कैंसर की AOH1996 नाम की दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दवा की मदद से स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करते हुए उन्हें नष्ट करने में मदद मिल सकती है।

दवा को लेकर शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि कैंसर की इस दवा के बेहतर परिणाम हो सकते हैं, जानवरों और प्रयोगशाला प्रयोगों में पाया गया है कि यह दवा कैंसर के उपचार में काफी प्रभावी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल परीक्षणों में इसके कोई दुष्प्रभाव  नहीं देखे गए हैं। यह कैंसर कोशिकाओं के  बढ़ने को क्रम को भी रोक सकती है जिससे कैंसर से बचाव होगा।

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वैज्ञानिकों ने बताया कि इस दवा का नाम साल  1996 में पैदा हुई आना ओलिविया हीली से प्रेरित है। उसे न्यूरोब्लास्टोमा नाम का कैंसर था। साल 2005 में आना की मौत हो गई थी जब वो मात्र 9 साल की थी। न्यूरोब्लास्टोमा बच्चों को होने वाला एक कैंसर है। उन्होंने कहा कि हमने कैंसर खत्म करने वाली नई दवा का नाम AOH1996 नौ साल की आना ओलिविया हीली को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा है।

शोध में पाया गया है कि AOH1996 दवा  स्तन कैंसर, छोटे सेल वाले फेफड़ों के कैंसर और न्यूरोब्लास्टोमा नामक तंत्रिका कोशिकाओं में शुरू होने वाले कैंसर सहित करीब 70 प्रकार के कैंसर को जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकती है।

बता दें कि AOH1996 की पहली गोली अक्टूबर 2022 में परीक्षण के दौरान एक मरीज को दी गई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर की इस दवा की प्रभाविकता को समझने के लिए आगे परीक्षण किए जा रहे हैं। हमें आशा है कि पशुओं की तरह की इंसानों में भी इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।