हैदराबाद। नकली दवा रैकेट को दबोचे जाने की खबर मिली है। इस रैकेट के कब्जे से करीब 26 लाख रुपये मूल्य की नकली दवाइयां बरामद हुई हैं।
तेलंगाना के औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने हैदराबाद में नकली एंटीबायोटिक दवाओं, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल दवाओं, एनाल्जेसिक के नकली दवा रैकेट का खुलासा किया है। टीम ने हैदराबाद के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 26 लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त की गईं।
कूरियर कार्यालयों पर छापेमारी
औषधि नियंत्रण प्रशासन के महानिदेशक वी.बी. कमलासन रेड्डी के अनुसार उत्तराखंड के काशीपुर से तेलंगाना में नकली दवाइयां सप्लाई करने की सूचना मिली थी। जानकारी के आधार पर एक विशेष टीम तैयार कर छापेमारी की गई।
कूरियर शिपिंग कंपनी ट्रैकॉन कोरियर से हैदराबाद में नकली दवाइयां भेजे जाने की जानकारी मिली थी। इसके चलते विशेष टीम ने दिलसुखनगर और उप्पल स्थित कूरियर कार्यालयों पर छापेमारी की।
यहां 14.5 किलोग्राम और 13.34 किलोग्राम वजन वाले दो पार्सल मिले। इनमें मशीन पार्ट्स होने का दावा किया गया था। इसे काशीपुर, उत्तराखंड में अमर फार्मास्यूटिकल्स, रामनगर रोड द्वारा बुक किया गया था। ये पार्सल पुववाड़ा लक्ष्मण, हैदराबाद को वितरित किए गए।
डीसीए अधिकारियों ने पुववाड़ा लक्ष्मण के मोबाइल नंबर के माध्यम से उसके स्थान का पता लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों की सहायता ली। उसे दिलसुखनगर के शिव गंगा थिएटर के पास एक बार में पकड़ लिया।
डीसीए अधिकारियों ने की गोदाम पर छापामारी
डीसीए अधिकारियों ने श्री वेंकटेश्वर एंटरप्राइजेज, द्वारकापुरम, दिलसुखनगर में पुव्वाडा लक्ष्मण के गोदाम पर छापा मारा। काशीपुर से कूरियर के माध्यम से उसके द्वारा प्राप्त नकली दवाओं के स्टॉक का पता लगाया। कुल आठ प्रकार की दवाएं बरामद की गई।
पूछताछ में पुव्वाडा लक्ष्मण ने अपने साथियों सैदाबाद के पोकाला रमेश और गरापल्ली पूर्णचंदर के नामों का खुलासा किया। ये दोनों नकली दवा रैकेट में शामिल हैं। यह भी पता चला कि उसे उत्तराखंड के नदीम से ये नकली दवाएं मिलीं। इस संबंध में औषधि नियंत्रण प्रशासन, तेलंगाना ने उत्तराखंड के औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सतर्क कर दिया है।
ये दवाएं हुई बरामद
डीसीए अधिकारियों द्वारा जब्त की गई कई नकली दवाइयां ब्रांडेड फार्मा के नाम पर हैं। इनमें सन फार्मा (रोसुवास 10 टैबलेट – उच्च कोलेस्ट्रॉल के उपचार में उपयोग किया जाता है), ग्लेनमार्क फार्मा (टेल्मा एच टैबलेट, टेल्मा 40) जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम के गलत लेबल लगाए गए हंै। गोलियाँ – उच्च रक्तचाप के उपचार में उपयोग की जाती हैं), अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स (मोनोसेफ-ओ 200 टैबलेट – एंटीबायोटिक), टोरेंट फार्मा (काइमोरल फोर्ट – दर्द और सूजन से राहत के लिए उपयोग की जाती हैं)।
काल्पनिक कंपनी का लेबल लगा मिला
डीसीए अधिकारियों को छापे के दौरान दो प्रकार के एंटीबायोटिक्स – एमपीओडी-200 टैबलेट (सेफ्पोडोक्साइम प्रोक्सेटिल और लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट) और मेक्सक्लेव 625 टैबलेट (एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट, लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट) भी मिले। इन पर मेग लाइफसाइंसेज, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश नाम से एक काल्पनिक/अस्तित्वहीन कंपनी का लेबल लगा मिला है।
दवाओं के सेंपल लेकर जांच के लिए भेजे
कमलासन रेड्डी ने बताया कि बरामद दवाओं के सेंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिर्पोट आने पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। रैकेट में पकड़ गए सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।