नई दिल्ली। हार्ट अटैक यानि दिल का दौरा पडऩे की आशंका ठंड के इस मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए दिसंबर-जनवरी के महीनों में खास तौर पर संभलकर रहने की जरूरत है। आपकी जरा सी लापरवाही भी जान जाने का कारण बन सकती है।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो-तीन हफ्ते के दौरान हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या अचानक से दोगुनी हो गई है। इनमें उम्रदराज लोगों के साथ ही युवा मरीज भी काफी संख्या में शामिल हैं। विशेषज्ञों का भी कहना है कि ठंड के इन दिनों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।

दिसंबर और जनवरी में रखें विशेष ध्यान

दिसंबर-जनवरी के दिनों में अपने स्वास्थ्य का ख्याल ज्यादा रखना चाहिए। दरअसल, इन्हीं दिनों भारी ठंड पड़ती है। यह ठंड दिली के लिए खतरनाक मानी गई है। एक हेल्थ सर्वे में बताया गया है कि दिसंबर के आखिर में आने वाले क्रिसमस और जनवरी की छुट्टियों में हार्ट अटैक से ज्यादा लोगों की मौत होती है।

ये हैं मुख्य कारण

दिल की बीमारी के विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में हृदयाघात की आशंका सबसे ज्यादा होती है। इस दौरान भारत में सबसे ज्यादा दिल के दौरे के नए मरीज सामने आते हैं। दिसंबर और जनवरी माह में पडऩे वाली ठंड, मौसम में बदलाव, प्रदूषण के बढ़ते स्तर और अनियमित शारीरिक गतिविधि, अनहेल्दी खानपान के कारण ज्यादातर केस सामने आते हैं। इस दौरान आउटिंग खासकर ठंडे एरिया में जाने को लेकर बीपी व दिल के मरीजों के साथ सभी को सतर्क रहना चाहिए। कुछ जरूरी टेस्ट और सावधानी अपनाने से दिल के दौरे को रोका जा सकता है।

कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ के अनुसार ठंड में दिल के नए मरीज बढ़ जाते हैं। इसमें 55-60 आयु वाले अधिक होते हैं। पिछले महीनेभर के दौरान दिल्ली- एनसीआर से हार्ट अटैक वाले दिल मरीजों की संख्या सितंबर- अक्टूबर की तुलना में काफी बढ़ गई है। कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के पूर्व महासचिव और कोलकाता के सीनियर

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. देबब्रत रॉय ने बताया कि ठंड का मौसम दिल के दौरे के लिए सबसे खतरनाक होता है। आउटिंग के दौरान अनियमित शारीरिक गतिविधि (जैसे- आउटिंग के दौरान बेहद ठंड एरिया में घूमना, पहाड़ों पर चढऩा या क्षमता से अधिक शारीरिक कार्य) और अनहेल्दी खानपान से इसकी आशंका बढ़ जाती है। अब युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढऩे लगे हैं।

क्रिसमस और एक जनवरी को हार्ट अटैक से ज्यादा मौत

छुट्टियों के दौरान विशेषकर दिसंबर और जनवरी के माह में सालभर की तुलना में हार्ट अटैक के कारण अधिक लोगों की मौत होती है। दिल के दौरे से सबसे ज्यादा मौतें 24, 25 दिसंबर और एक जनवरी को हुई हैं। ठंड के मौसम में तनाव, बीपी का बढऩा, फैटी फूड, ड्रिंक सेवन से दिल का दौरा बढऩे की संंभावना रहती है।

इन बातों का रखे ध्यान

विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में कई बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दिल के दौरे से जुड़े लक्षण दिखाई देने पर मदद पाने का इंतजार करने के बजाए खुद चौकस रहें। तनाव कम करने के तरीकों की तलाश कर सकते हैं। परिवार के साथ शारीरिक गतिविधि, पैदल चलना, खेलना और इंडोर गतिविधियां शामिल कर सकते हैं।

गुरुग्राम सनार इंटरनेशनल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. डीके झांब का कहना है कि ठंड का यह मौसम सबसे सावधानी रखने वाला सीजन होता है। हमारे यहां इस दौरान हार्ट अटैक के नए मरीजों की संख्या 30 से 40 फीसदी बढ़ जाती है। इसमें उम्रदराज लोग ज्यादा होते हैं। ठंड में बीपी बढ़ जाता है। शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। ब्लड प्रेशर अचानक बढऩे और प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ व फेफड़े में परेशानी के केस ज्यादा हैं। इसके अलावा हार्ट फेलियर के मामले भी सामने आ रहे हैं। छुट्टियों या आउटर में घूमने के दौरान इसका खतरा बढ़ जाता है। एक्सरसाइज न होना और अनहेल्दी खानपान बढ़ जाता है। इस दौरान ठंड से बीपी का बढऩा और प्रदूषण दो बड़ी वजह होती हैं।

इस सीजन में पुराने मरीजों में हार्ट फेलियर के केस सामने आ रहे हैं। उनके लंग्स में पानी भर जा रहा है। प्रदूषण से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। इससे बीपी बढऩे से दिल के दौरे हो रहे हैं। ऐसे मरीजों का हॉस्पिटलाइजेशन होने की संख्या भी बढ़ी है। यह समय सावधानी और सतर्कता बरतने वाला है।

हार्ट अटैक

ये नियम अपनाना जरूरी

1. नियमित व्यायाम, संतुलित खानपान करे।ं
2. हार्ट अटैक से जुड़े कोई भी लक्षण होने पर तत्काल विशेषज्ञ को दिखाएं।
3. किसी आउटिंग या शादी समारोह में शामिल होने से पहले बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं। इससे दिल के दौरे की आशंका पता चल जाएगी।
4. ठंड के मौसम में अचानक शारीरिक गतिविधि, अनियमित खानपान, शराब, ड्रिंक के सेवन से बचें।