नई दिल्ली: भारत में जब से स्टेंट और नी (घुटना) इंप्लांट जैसे इंपोर्ट होने वाले मेडिकल डिवाइस के दाम घटे हैं, तभी से इस सेक्टर में हलचल मची है। अमेरिकी डिवाइस निर्माता कंपनियों ने इस पर गहरी नाराजगी जताई थी। ताजा जानकारी ये है कि भारतीय मेडिकल डिवाइस निर्माता कुछ बातों को लेकर खफा हैं। डीआईपीपी और डिपार्टमेंट ऑफ फार्मा को बाकायदा इसके लिए पत्र लिखा गया है।
पत्र में कहा गया कि सरकारी टेंडर में यूएस एफडीए की शर्त से परेशानी हो रही है। टेंडर की शर्त से विदेशी कंपनियों को फायदा हो रहा है। भारतीय मेडिकल डिवाइस निर्माता कंपनियों का कहना है कि भारत में डिवाइस बेचने के लिए भारतीय मानक क्यों नहीं हो सकते। इस तरह मेक इन इंडिया का सपना कैसे साकार होगा। विदेशी कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए पत्र में यूएस एफडीए और यूरोपियन सीई मार्क की शर्त हटाने की पुरजोर मांग की गई है।