आगरा। बच्चों की किडनी के मामले में नई जानकारी सामने आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ ऐसी दवाएं हैं जिन्हें मामूली दर्द में बच्चों को देने से उनकी किडनी फेल होने का खतरा रहता है। इस मामले में अभिभावकों को सावधान रहने की जरूरत है।
इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी के सेमिनार में बताया गया कि बच्चों को मामूली दर्द होने पर दवाएं देने से उनकी किडनी खराब होने के मामले सामने आ रहे हैं। दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी डिवीजन के निदेशक डॉ. अभिजीत शाह ने कहा कि पीआईसीयू में भर्ती 25-30 फीसदी बच्चों में किडनी की गंभीर परेशानी मिल रही है।
बच्चों को मामूली दर्द हुआ और बिना डॉक्टरी सलाह के झट से दर्द निवारक दवा दे दी। ऐसी स्थिति में कई बार बच्चों की किडनी भी फेल हो जाती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड जीटीबी हॉस्पिटल दिल्ली के निदेशक प्रो. प्रेरणा बत्रा ने कहा कि समय पूर्व पैदा होने वाले, वजन कम होने और सांस लेने में दिक्कत वाले, सेप्सिस वाले शिशुओं में से 30 फीसदी में एक्यूट किडनी इंजरी प्रभावित करती है।
इससे मौत की दर बढ़ जाती है। संयोजक डॉ. समृद्धि गुप्ता ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के किडनी फेल होने वाले बच्चों की खून की डायलिसिस आसान नहीं है।