बरेली। डी. फार्मा डिग्री के फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड 25 हजार का इनामी कथित डॉक्टर विजय शर्मा गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि आरोपी विजय शर्मा के मार्फत कॉलेज प्रबंधन ने 379 छात्रों से लगभग 3 करोड़ 69 लाख 94 हज़ार रुपये फीस के रूप में वसूले और उन्हें फर्जी डिग्रियां दीं। छात्रों को डिग्रियों के आधार पर मेडिकल शॉप के लाइसेंस लेने और नौकरी के लिए आवेदन करने पर फर्जीवाड़े का ख्ुालासा हुआ। पीडि़त छात्रों, राजकीय आईटीआई प्रिंसिपल और एसआईटी द्वारा थाना सीबीगंज में तीन अलग-अलग केस दर्ज कराए गए थे।

एसआईटी ने की थी जांच

पुलिस अधीक्षक दक्षिणी मानुष पारीक के पर्यवेक्षण में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था। एसआईटी जांच के दौरान सामने आया कि खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज के प्रबंधन ने उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मदरहुड विश्वविद्यालय (रुडक़ी), और छत्रपति शिवाजी साहू महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर) के नाम से फर्जी डी. फार्मा की डिग्रियां छात्रों को दीं। छात्रों से करोड़ों रुपये ठग लिए और इस पैसे का इस्तेमाल कॉलेज प्रबंधन ने संपत्तियां बनाने में किया।

कॉलेजों को मान्यता दिलाने का लेता था ठेका

मुख्य आरोपी विजय शर्मा को 18 सितंबर को झुमका तिराहा के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने कई संस्थानों के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बनाईं और उन्हें बेचकर पैसा कमाया। वह विभिन्न कॉलेजों को बी. फार्मा और डी. फार्मा की मान्यता दिलाने के नाम पर भी मोटी कमाई करता था। इन गैरकानूनी धंधों से उसने करोड़ों की काली कमाई कर ली है।

आरोपी विजय शर्मा की आपराधिक छवि रही है। उस पर सीबीगंज थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 506 और 120बी के तहत तीन अलग-अलग केस दर्ज हैं। उसने कई संस्थानों को फर्जी डिग्रियां दिलाने में अहम भूमिका निभाई।