नई दिल्ली। पैरासिटामोल का लगातार सेवन बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यह बात हालिया नए शोध में सामने आई है। बताया गया है कि लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह शोध ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया। इस दवा के सेवन से 65 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, हार्ट फेल, हाइपरटेंशन, पेप्टिक अल्सर और गुर्दे से संबंधित जटिल बीमारियां हो सकती हैं।
गौरतलब है कि इस दवा को आमतौर पर दर्द और बुखार के इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है, लेकिन लंबे समय तक इसको लेना जानलेवा हो सकता है। एनआईएचआर बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर वीय झांग का कहना है कि पैरासिटामोल को अक्सर पुराने जोड़ों के दर्द (ऑस्टियोआर्थराइटिस) के इलाज के रूप में सुझाया जाता है। खासकर बुजुर्गों के लिए यह काफी लाभकारी है। हालांकि, इस दवा का लंबे समय तक खाना उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्या दे सकता है।
कुछ शोधों में दर्द से राहत देने में पैरासिटामोल की प्रभावशीलता पर सवाल उठे हैं। अन्य अध्ययनों ने लंबे समय तक इसके उपयोग से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी बीमारियों जैसे अल्सर और रक्तस्राव का खतरा बताया है।
शोधकर्ताओं ने 1,80,483 लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड देखे। इन्हें छह महीने के भीतर दो से अधिक बार पैरासिटामोल दिया गया था। उनकी तुलना उसी उम्र के 4,02,478 लोगों से की गई, जिन्हें कभी पैरासिटामोल नहीं दिया गया था। प्रतिभागियों की आयु 65 वर्ष या उससे अधिक थी।
डॉक्टरों का कहना है कि पैरासिटामोल का इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सिफारिश पर और जरूरत पडऩे पर ही करें। इसके लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने से बचना चाहिए।