नई दिल्ली। हृदय रोग और मधुमेह समेत 29 दवाइयांं जांच में फेल पाई गई हैं। इसके चलते हिमाचल में बनी इन दवाओं के 22 उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य दवा नियामकों ने इन दवाओं की जांच कराई थी।
यह खुलासा सीडीएससीओ ने नवंबर माह के ड्रग अलर्ट में किया है। हिमाचल में निर्मित जिन 29 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें हृदय रोग, मधुमेह, एसिडिटी, सूजन, जीवाणु संक्रमण, आयरन की कमी, एनीमिया, खांसी, उच्च रक्तचाप, जीवाणु संक्रमण, पेप्टिक अल्सर रोग, दर्द से राहत, सूखी खांसी, निमोनिया, त्वचा की समस्याएं जैसे सेल्युलाइटिस और कान के संक्रमण, गैस्ट्रोइसोफेगल रिलक्स रोग के उपचार की दवाएं शामिल हैं।
सबस्टैंडर्ड पाई गई 29 दवाओं का निर्माण बद्दी, बरोटीवाला, कालाअंब, पावंटा साहिब, सोलन, ऊना सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों में हुआ है। इसके अलावा गुजरात, उत्तराखंड, हैदराबाद, चैन्नई, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,जम्मू स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 84 दवाएं सबस्टैंडर्ड निकली हैं। फिलवक्त हिमाचल के दवा नियंत्रक ने ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं।
यह दवाएं सबस्टेंडर्ड मिली
राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर के अनुसार गैसनुल-ओ सस्पेंशन, ज़ाइटम-सीवी टेबलेट, फेरीमैक-एक्सटी टेबलेट, ओ ब्रो-एक्सएल सिरप, बिसोपोल-5 टेबलेट, ओ ़लॉक्सासिन टेबलेट, पैनसिड 40, एसेक्लोफ़ास्ट, थ्रिकोफ़ कफ सिरप, कॉफज़ऱ-एलएस सिरप, मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इनके अलावा, केफपॉड 100 ऑरेंज सस्पेंशन, ओज़ोमेट-पीजी 2 टेबलेट, क्लेरिथ्रोमाइसिन टेबलेट, पैंटोप्राज़ोल टेबलेट, रैबेप्राज़ोल टेबलेट, इट्राकोनाज़ोल कैप्सूल, एसोडेंस-एल कैप्सूल, पैरासिटामोल टेबलेट, एल्बेंडाज़ोल और आइवरमेक्टिन ओरल सस्पेंशन और ग्लिमेप्राइड और पियोग्लिटाज़ोन हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट जांच में फल मिली है।