नई दिल्ली। शुगर समेत 84 नई दवाओं की खुदरा कीमतें तय कर दी गई हैं। यह निर्णय राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के अध्यक्ष पी कृष्णमूर्ति की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया।

यह है मामला

एनपीपीए ने कोरोना रेमेडीज, स्काईमैप फार्मास्यूटिकल्स, मैनकाइंड फार्मा, मैकलियोड्स फार्मास्यूटिकल्स, जुवेंटस हेल्थकेयर, जर्मन रेमेडीज फार्मास्यूटिकल्स, एल्केम लैबोरेटरीज, आदि विपणन कंपनियों के आवेदनों पर एम्पाग्लिफ्लोजिन युक्त 36 दवा संयोजनों की कीमत तय की हैं। यह एक यौगिक है जिसका पेटेंट बोह्रिंजर इंगेलहेम ने कराया था।

बता दें कि पिछली बैठक में एनपीपीए ने कहा था कि बोह्रिंजर इंगेलहेम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (बीआईआईपीएल) ने एमडीसी द्वारा 3 मार्च, को बैठक में अनुशंसित खुदरा कीमतों के खिलाफ प्राधिकरण के समक्ष अभ्यावेदन दायर किया है। हालांकि, उस बैठक में प्राधिकरण ने नोट किया था कि अभ्यावेदन में उठाए गए मुद्दे समिति द्वारा अनुशंसित कीमतों को प्रभावित नहीं करते हैं।

कंपनी ने यह तर्क दिया कि एमडीसी बैठक के मिनट्स में एम्पाग्लिफ्लोजऩि के पेटेंट की समाप्ति की तिथि 10 मार्च, 2025 बताई गई है। जबकि यह 11 मार्च, 2025 है। एमडीसी ने दवा के पेटेंट के लिए लाइसेंस धारक के रूप में सिप्ला लिमिटेड का भी गलत उल्लेख किया है। अब नई बैठक के दौरान टेल्मिसर्टन, सिल्निडिपिन, मेटोप्रोलोल सक्सिनेट विस्तारित रिलीज सहित सामग्री के साथ विभिन्न रक्तचाप दवा संयोजनों की खुदरा कीमतें भी तय की गई हैं। प्राधिकरण ने पैरासिटामोल, फिनाइलफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट टैबलेट जैसे संयोजनों की कीमतें भी तय कर दी हैं।