धनबाद (झारखंड)। टीबी की दवा रिफैम्पिसिन गुणवत्ता जांच में फेल पाई गई है। जिला यक्ष्मा विभाग द्वारा खरीदी गई टीबी की दवा रिफैम्पिसिन क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई है। तय मानक के अनुसार दवा की 10 प्रतिशत कम गुणवत्ता मिली है। इसकी जांच ड्रग इंस्पेक्टर ने कराई थी। जांच रिपोर्ट की जानकारी जिला यक्ष्मा विभाग को दे दी गई है।

यह है मामला

ड्रग इंस्पेक्टर रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि टीबी मरीजों को दी जाने वाली तीन दवाओं के सैंपल यक्ष्मा विभाग के स्टोर से लिए गए। जांच के लिए उसे सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी (सीएलडी) कोलकाता भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार तीन दवाओं में रिफैम्पिसिन टैबलेट का सैंपल निर्धारित मापदंडों पर खरा नहीं उतरा। निर्धारित मानदंड के अनुसार दवा की 90 से 110 प्रतिशत के बीच गुणवत्ता होनी चाहिए, जबकि दवा की 80 प्रतिशत गुणवत्ता मिली है। यह निर्धारित गुणवत्ता के न्यूनतम स्तर से 10 प्रतिशत कम है। इसकी जानकारी जिला यक्ष्मा कार्यालय को दी गई है।

बताया गया है कि रिफैम्पिसिन टैबलेट की खरीदारी स्थानीय स्तर पर हुई थी। जिला यक्ष्मा कार्यालय ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दवा मंगाई थी। अधिकारियों के अनुसार लगभग तीन हजार टैबलेट मंगाए गए थे। दवा की खरीद को लगभग एक साल हो गया है। रिफैम्पिसिन टैबलेट की जांच रिपोर्ट आने के पहले ही सभी दवाओं का वितरण यक्ष्मा मरीजों के बीच किया जा चुका है। हालांकि यह दवा खाने से किसी को परेशानी होने की सूचना नहीं है। उचित रखरखाव नहीं होने के कारण भी दवा की गुणवत्ता थोड़ी प्रभावित हो सकती है।

ड्रग इंस्पेक्टर ने रेलवे हॉस्पिटल और सदर अस्पताल धनबाद में आपूर्ति की जाने वाली एनेस्थीसिया की दवाओं का भी सैंपल लिया है। इन सैंपल को जांच के लिए सीएलडी कोलकाता भेजा जाएगा।