बिजनौर (उप्र)। एंटीबायोटिक दवा गुणवत्ता जांच में नकली पाई गई है। संबंधित कैमिस्ट के पास दवा का बिल नहीं मिला और निर्माण कंपनी का भी कोई अता पता नहीं। कैमिस्ट तथा संबंधित के विरुद्ध औषधि निरीक्षक ने कोर्ट में केस दर्ज किया है। नकली दवा साबित होने पर न्यूनतम 10 साल कैद से अधिकतम उम्रकैद तक का प्रावधान है।
यह है मामला
औषधि निरीक्षक उमेश कुमार भारती ने मंडावर क्षेत्र के दयालवाला स्थित आरके मेडिकल स्टोर से वोरसेफ-200 एलबी टेबलेट का सैंपल लिया था। इसे जांच के लिए भेजा गया था। मेडिकल स्टोर संचालक रोहित कुमार निवासी मुजफ्फरनगर इसका कोई बिल नहीं दिखा पाया।
औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच रिपोर्ट में उक्त दवा नकली पाई गई। दवा की पैकिंग पर दर्शाई गई निर्माता कंपनी वोमेक केयर देहरादून कहीं नहीं मिली। नियमानुसार कैमिस्ट व कंपनी को नोटिस भी जारी किए गए। प्रत्युत्तर नहीं मिलने पर औषधि निरीक्षक की ओर से कैमिस्ट के विरुद्ध कोर्ट में केस दर्ज किया गया है। आरके मेडिकल स्टोर का लाइसेंस कैंसिल करने के लिए पत्र भेजा गया है।