मुंबई। पैरासिटामोल से ऑटिज्म के खतरे के दावे को डब्ल्यूएचओ ने गलत बताया है। अपने डॉक्टरों की सलाह का पालन करते रहने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का खंडन किया। इसमें ट्रंप ने गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल के इस्तेमाल से ऑटिज्म का खतरा बताया था।
ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं से पैरासिटामोल लेने के बजाय अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का डटकर सामना करने का आह्वान किया था। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संस्था ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान एसिटामिनोफेन (पैरासिटामोल) के उपयोग और ऑटिज्म के बीच कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 6.2 करोड़ लोग ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार से ग्रस्त हैं। यह मस्तिष्क के विकास से संबंधित है। हालांकि हाल के वर्षों में जागरूकता और निदान में सुधार हुआ है। फिर भी इस स्थिति के पीछे का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार माने जाते हैं। एसिटामिनोफेन गर्भावस्था के दौरान ली जाने वाली सबसे आम ओवर-द-काउंटर दवा है। दुनिया भर में 50 प्रतिशत से ज्यदा गर्भवती महिलाएं इस दवा का इस्तेमाल करती हैं।
गर्भवती महिलाएं सिरदर्द, दर्द या बुखार के लिए इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल करती हैं। गर्भावस्था में इसके इस्तेमाल को सुरक्षित बताया गया है। ट्रंप ने कहा है कि टाइलेनॉल लेना ठीक नहीं है। केवल बेहद तेज बुखार में ही इसका इस्तेमाल सही हो सकता है।