न्यूयॉर्क। पांच भारतीय फार्मा को अपनी दवाएं वापस मंगानी पड़ी हैं। इनको अमेरिकी बाजार से अपनी दवाओं के कई लॉट वापस मंगाने पड़ रहे हैं। इन कंपनियों में ग्लेनमार्क, सनफार्मा, जायडस, ग्रैन्यूल्स इंडिया और यूनिकेम जैसी दिग्गज फर्में शामिल हैं। यूएस एफडीए ने इसका खुलासा किया है। बताया गया है कि इन दवाओं में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कुछ खामियां पाई गई हैं।

ये सभी कंपनियां स्वेच्छा से प्रभावित उत्पादों को बाजार से हटा रही हैं। मुंबई स्थित ग्लेनमार्क फार्मा को अपने गोवा प्लांट में बनी एक जेल की 13,824 ट्यूब्स वापस मंगानी पड़ीं। बाजार से इसकी बनावट में खुरदरापन होने की शिकायतें मिली थीं। USFDA ने इसे ‘क्लास-II’ रिकॉल बताया है। इसका मतलब है कि इसके इस्तेमाल से अस्थायी समस्या हो सकती है।

हैदराबाद की कंपनी ग्रैन्यूल्स इंडिया को भी एक दवा की 49,000 से अधिक बोतलें वापस मंगानी पड़ी हैं। यह क्वालिटी और अशुद्धियों से जुड़े मानकों पर खरी नहीं उतर पाई।

इस लिस्ट में दवा क्षेत्र के कई और बड़े नाम शामिल हैं। इनमें दिग्गज कंपनी सनफार्मा की अमेरिकी सब्सिडरी भी है। यह एक रीनल इमेजिंग एजेंट की 1,870 किट वापस मंगा रही है। वहीं, अहमदाबाद स्थित जायडस फार्मा को भी अपनी एंटीवायरल दवा ‘एंटेकाविर’ की 8,784 बोतलें बाजार से वापस मंगानी पड़ी हैं। यूनिकेम फार्मास्युटिकल्स को अपनी दवाओं के लेबल में हुई गड़बड़ी के चलते उन्हें अमेरिकी बाजार से हटाना पड़ रहा है