बिलासपुर। छत्तीसढ़ के बिलासपुर से फार्मेसी कौंसिल चुनाव को लेकर सख्त आदेश दिए है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को स्टेट फार्मेसी कौंसिल के चुनाव को लेकर प्रस्तुत की गई अपील का तीन माह के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिए।

स्टेट फार्मेसी कौंसिल के 13303 सदस्यों के प्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आरएस मंडावी को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया था। चुनाव अधिकारी ने 21 जुलाई 2017 को चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुए 18 सितंबर 2017 को मतदान की तारीख तय की। इसी दिन मतों की गिनती भी की जानी थी। नियमों के मुताबिक हर प्रत्याशी के साथ दो प्रतिनिधि मौजूद रहने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस पर सदस्य मनोहर जेठानी ने चुनाव अधिकारी के पास आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन इसकी अनदेखी करते हुए नतीजे जारी कर दिए गए।

नतीजों में अजय सिंह राजपूत, संदीप बजाज, अश्विनी विज, अश्विनी गुर्देकर, कैलाश चंद्र अग्रवाल और हीराशंकर साहू को निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इस पर जेठानी ने फार्मेसी एक्ट की धारा 24 के तहत 29 सितंबर 2017 को स्वास्थ्य सचिव के समक्ष अपील प्रस्तुत की, लेकिन इसका निराकरण नहीं किया गया। इस पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। अब इस मामले पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि स्वास्थ्य सचिव को अपील पर तीन माह के भीतर नियमों के मुताबिक निर्णय लेना होगा।