अमेठी सिटी। बी कांप्लेक्स और एंटीबायोटिक इंजेक्शन गुणवत्ता जांच में फेल पाए गए हैं। लैब से इनकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उक्त दवा व इंजेक्शन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है और इनकी सप्लायर फार्मा कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। एफएसडीए के अनुसार जांच में फेल मिली इन दवाओं को नष्ट कराया जाएगा।
यह है मामला
गौरतलब है कि सरकारी अस्पताल में मिलने वाली दवाओं में बी कांप्लेक्स कॉमन दवा है। हर तीसरे मरीज को मल्टी विटामिन के तौर पर बी कांप्लेक्स की दवा दी जाती है। सरकारी अस्पताल में वितरण के लिए भेजी गई इस दवा की जांच रिपोर्ट में इसे घटिया गुणवत्ता की बताया गया है।
इस दवा की सप्लाई मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित औद्योगिक क्षेत्र की फार्मा कंपनी ने की है। विटामिन बी कांप्लेक्स की एक अन्य दवा का निर्माण देहरादून हाईवे किशनपुर, रुडक़ी में किया गया है। यह दवा भी जांच में फेल मिली है। लैब रिपोर्ट में फेल आई दूसरी दवा एंटीबायोटिक के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला इंजेक्शन है। ये इंजेक्शन जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है।
राजकीय प्रयोगशाला आगरा में हुई जांच में इसे भी अधोमानक पाया गया है। इस दवा की निर्माता उत्तराखंड सिडकुल, रुद्रपुर स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी है। दवा निरीक्षक कमलेश मिश्र ने बताया कि जो दवा व इंजेक्शन जांच में फेल मिले हैं, उनके इस्तेमाल व वितरण पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही संबंधित निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। बाजार में भी इनकी बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। अमेठी के सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि दवा फेल होने के बारे में औषधि निरीक्षक का पत्र मिला है। फेल दवा व इंजेक्शन को सरकारी अस्पतालों से वापस कराया जाएगा।