मुंबई। कैडिला फार्मा ने हृदय रोग के लिए बिस्काडो (बिसोप्रोलोल) लॉन्च किया है। इससे कंपनी ने भारत में हृदय रोगों के लिए बीटा-ब्लॉकर थेरेपी सेगमेंट में प्रवेश कर लिया है।

गौरतलब है कि बिसोप्रोलोल एक बीटा-1 एड्रीनर्जिक अवरोधक है और यह उच्च रक्तचाप, एनजाइना और क्रोनिक हार्ट फेलियर के उपचार में काम आता है। यह दवा हृदय गति और रक्तचाप को कम करके काम करती है, जिससे हृदय पर दबाव कम करने में मदद मिलती है। इसका उपयोग क्रोनिक हार्ट फेलियर वाले रोगियों में जीवित रहने की संभावना को बेहतर बनाता है।

कैडिला फार्मास्यूटिकल्स के अनुसार, बिस्काडो का लॉन्च भारत में विशेष रूप से प्रासंगिक है। शोध से पता चला है कि आराम दिल की दर में प्रति मिनट सिर्फ 10 धडक़न की वृद्धि हृदय संबंधी मृत्यु के जोखिम में 20 प्रतिशत की वृद्धि से जुड़ी है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि भारत हृदय संबंधी महामारी के केंद्र में है और बढ़ी हुई हृदय गति एक प्रमुख परिवर्तनीय जोखिम कारक है। यह लॉन्च उसके लक्ष्य के अनुरूप है, ताकि अधूरी चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। मेटोप्रोलोल सक्सीनेट की तुलना में बिसोप्रोलोल मृत्यु दर के 20 प्रतिशत कम जोखिम से जुड़ा है। क्रोनिक हार्ट फेलियर वाले रोगियों में कार्वेडिलोल की तुलना में बेहतर परिणाम देता है। बिस्कैडो अन्य एंटीहाइपरटेंसिव एजेंटों के साथ फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन में भी उपलब्ध होगा। इससे चिकित्सकों को हृदय संबंधी स्थितियों के व्यापक स्पेक्ट्रम का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।