सोलन (हिमाचल प्रदेश)। दवा निमेसुलाइड की बिक्री पर केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि यह दवा जानवरों के इलाज में काम आती है। अब सरकार ने इस दवा निमेसुलाइड और इसके फॉर्मूलेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारतीय औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबीआई) ने पशु चिकित्सा दवा निमेसुलाइड पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। इस दवा को गिद्धों के लिए अत्यधिक विषैला माना जाता है। बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले इंटरनैशनल साइंटिफिक जनरल एन्वायरनमैंट साइंस एंड पॉल्यूशन रिसर्च में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया है कि भारत में गिद्धों की मौत का कारण यह दवा बन रही है।
90 के दशक में डिक्लोफेनक दवा को गिद्धों की 99 प्रतिशत आबादी के खत्म होने का कारण माना गया था। सरकार ने उस समय इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसी तरह एसीक्लोफेनाक और कीटोप्रोफेन को भी गिद्धों के लिए जहरीला बताया गया है। इन दवाओं को भी बैन करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।