मुंबई। नई दवा से पुराने से पुराने रोग का भी इलाज किया जा सकेगा। इस संबंध में क्लीवलैंड क्लिनिक के वैज्ञानिकों की एक टीम पुराने दर्द से जूझ रहे मरीजों के इलाज के लिए दवाओं की खोज करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर रही है।

बता दें कि क्लीवलैंड क्लिनिक और आईबीएम की साझेदारी से वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करते हुए दर्दनिवारक दवाओं की खोज में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह नई तकनीक नशामुक्त और गैर-ओपिओइड दवाओं की पहचान कर रही है। यह पुराने दर्द के उपचार में प्रभावी साबित हो सकती हैं।

गौरतलब है कि पुराने दर्द के लिए अब तक मुख्य रूप से ओपिओइड दवाओं का इस्तेमाल होता आया है, लेकिन इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स और लत की समस्या ने शोधकर्ताओं को नए विकल्पों की तलाश के लिए प्रेरित किया। इस दिशा में एआई का इस्तेमाल एक बड़ा कदम है। क्लीवलैंड क्लिनिक के पोस्टडॉक्टोरल फेलो युंगुआंग क्यू के अनुसार, ओपिओइड दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से सुरक्षित और प्रभावी विकल्पों की खोज में जुटे थे।