बुरहानपुर (मध्य प्रदेश)। मेडिकल बिल पास करने के बदले 10 हजार रिश्वत लेते क्लर्क को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई इंदौर लोकायुक्त ने बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में की। टीम ने लिपिक राधेश्याम चौहान को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उसी के केबिन में रंगे हाथों पकड़ा है।
यह है मामला
जानकारी अनुसार लिपिक ने जिला अस्पताल में अपने साथी पूर्व सदस्य सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी अशोक पठारे से मेडिकल बिल पास करने के लिए 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद मामला 15000 में सेट हो गया। वादे के मुताबिक अशोक पठारे ने 5000 पहले भी दिए थे। इसके बाद अशोक पधारे ने इसकी शिकायत लोकायुक्त टीम इंदौर से की थी। पीडि़त की शिकायत पर इंदौर लोकायुक्त की टीम बुरहानपुर पहुंची और आरोपी को उसी के केबिन में 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
लोकायुक्त इंदौर इंस्पेक्टर राहुल गजभिये ने बताया कि लिपिक राधेश्याम चौहान ने सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी अशोक पठारे से उसके मेडिकल बिल पास करने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत मिलने पर एसपी ने एक टीम का गठन किया।
टीम को तुरंत बुरहानपुर जिला चिकित्सालय रवाना किया गया। आरोपी राधेश्याम चौहान ने जैसे ही फरियादी से अपने केबिन में रिश्वत के पैसे लिए, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने तुरंत आरोपी बाबू को पकड़ लिया। यहां से उसे लेकर बुरहानपुर के सर्किट हाउस में पहुंचे।
शिकायतकर्ता अशोक पठारे ने बताया कि वह बुरहानपुर जिला अस्पताल में पदस्थ है। लेकिन निलंबित होने के कारण उन्हें विभाग ने अलीराजपुर में अटैच कर रखा है। मेरे हार्ट का ऑपरेशन होने पर इंदौर चला गया था। इलाज के करीब पौने दो लाख रुपये के बिल थे। इसमें 1.33 लाख के बिल क्लियर हो गए थे। लेकिन बाकी राशि के लिए पहले कहा कि बजट नहीं है। फिर 20 हजार की रिश्वत मांगी।