चीन के वुहान प्रांत से जिस जानलेवा और बेहद खतरनाक करॉना वायरस की शुरुआत हुई थी उसने एशियाई देशों के साथ-साथ अब अमेरिका और यूरोप तक के लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सिर्फ चीन की बात करें तो करॉना वायरस की वजह से फैलने वाली निमोनिया जैसी बीमारी की वजह से अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है और 800 से ज्यादा मरीज इस वायरस की वजह से संक्रमित हैं। चीन के तो 13 शहरों में एक तरह से शटडाउन की स्थिति है। इन 13 शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद कर दिया गया है और करोड़ों लोगों के आने जाने पर रोक लगा दी गई है। करॉना वायरस के तेजी से बढ़ते खौफ को देखते हुए भारत में भी सतर्कता पूरी तरह से बढ़ा दी गई है। अलग-अलग देशों से आने वाले विमान यात्रियों की सख्ती से जांच भी की जा रही है। इन सबके बीच आखिर क्या है करॉना वायरस, इसके लक्षण, इलाज और बचाव के बारे में यहां जानें सबकुछ….

क्या है करॉना वायरस?
करॉना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, जो इंसानों में सामान्य जुकाम से लेकर श्वसन तंत्र की गंभीर समस्या तक पैदा कर सकता है। इसके अलावा करॉना वायरस से SARS और MERS जैसी जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं। इस वायरस का नाम इसके शेप के आधार पर रखा गया है। ये वायरस जानवरों और इंसान दोनों को एक साथ संक्रमित कर सकता है। शोध में सामने आया है कि यह करॉना वायरस सांपों से इंसान तक पहुंचा है। यह वायरस ऐनिमल्स से संबंधित है और मीट के होल सेल मार्केट, पोल्ट्री फर्म, सांप, चमगादड़ या फर्म एनिमल्स के जरिए ह्यूमन में आया है।

कितना खतरनाक है ये वायरस?
दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारी इस वायरस को लेकर सतर्क हैं और लोगों को भी सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं लेकिन यह वायरस कितना खतरनाक है इसके बारे में सटीक जानकारी अब तक नहीं मिल पायी है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने करॉना वायरस और इससे फैलने वाली निमोनिया जैसी बीमारी को अंतर्राष्ट्रीय हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने से मना कर दिया है।

करॉना वायरस: डॉक्टरों की टीम ने बताया कैसे हो मरीजों का इलाज

करॉना वायरस: डॉक्टरों की टीम ने बताया कैसे हो मरीजों का इलाज

करॉना वायरस इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
करॉना वायरस की वजह से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन तंत्र में हल्का इंफेक्शन हो जाता है जैसा कि आमतौर पर कॉमन कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम में देखने को मिलता है। हालांकि इस बीमारी के लक्षण बेहद कॉमन हैं और कोई व्यक्ति करॉना वायरस से पीड़ित न हो तब भी उसमें ऐसे लक्षण दिख सकते हैं। जैसे-
नाक बहना
सिर में तेज दर्द
खांसी और कफ
गला खराब
बुखार
थकान और उल्टी महसूस होना
सांस लेने में तकलीफ आदि
निमोनिया
ब्रॉन्काइटिस

करॉना वायरस को फैलने से कैसे रोकें?
इस जानलेवा करॉना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। WHO ने कुछ गाइडलाइंस भी दिए हैं ताकि इस जानलेवा बीमारी को फैलने से रोका जा सके
– बीमार मरीजों की सही तरीके से मॉनिटरिंग की जाए
– रेस्पिरेटरी यानी सांस से जुड़ी बीमारी के लक्षण किसी में दिखें तो उससे दूर ही रहें
– जिन देशों या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है वहां यात्रा करने से बचें
– हाथों को अच्छी तरह से धोएं और हाथों की सफाई का पूरा ध्यान रखें
– खांसी या छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढंककर रखें
– अपने हाथ और उंगलियों से आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छूएं
– पब्लिक प्लेस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कुछ भी छूने या किसी से हाथ मिलाने से बचें

करॉना वायरस से निपटने के लिए कैसी है एम्स की तैयारी

क्या करॉना वायरस से मौत हो सकती है?
वैसे तो करॉना वायरस की शुरुआत सामान्य सर्दी-जुकाम या निमोनिया जैसी होती है लेकिन अगर केस गंभीर हो जाए तो इस इंफेक्शन की वजह से सीवियर अक्यूट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम, किडनी फेलियर या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर तक हो सकता है जिस वजह से मौत हो सकती है।

क्या है करॉना वायरस का इलाज
वैसे तो इस बीमारी से लड़ने के लिए अब तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं हुई है लेकिन अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ NIH के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि करॉना वायरस की वजह से फैली वायरल निमोनिया की इस बीमारी से लड़ने के लिए वैक्सीन बनायी जा रही है और महज 3 महीने के अंदर इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर ट्रायल शुरू हो जाएगा। इसके अलावा इसका इलाज सामान्य कोल्ड की बीमारी की तरह ही होता है जिसमें खूब सारा आराम करने की सलाह दी जाती है, फ्लूइड्स का ज्यादा सेवन करने को कहा जाता है और बुखार और गला खराब की दवा दी जाती है।