नई दिल्ली। डायबिटीज की दवा को प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में लाभकारी पाया गया है। एक अध्ययन के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं का इस्तेमाल प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। ऑस्ट्रिया में विएना के मेडिकल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मधुमेह और कैंसर के तंत्र में समानता की पहचान की।

उन्होंने बताया कि पेरोक्सिसोम प्रोलिफऱेटर-एक्टिवेटेड रिसेप्टर गामा चयापचय प्रक्रियाओं के नियमन के लिए केंद्रीय प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को भी प्रभावित कर सकता है। इनमें तथाकथित थियाज़ोलिडाइनडायन जैसे कि पियोग्लिटाज़ोन शामिल हैं, जिनका उपयोग टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है।

विश्वविद्यालय में बायोमेडिकल इमेजिंग और इमेज-गाइडेड थेरेपी विभाग के एमिन एटास ने बताया कि मधुमेह की दवा पियोग्लिटाज़ोन की गतिविधि को प्रभावित करती है और ट्यूमर कोशिकाओं के विकास व्यवहार और चयापचय को बाधित करती है। इसके अलावा, मधुमेह के प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों को डेटा संग्रह के समय उनमें बीमारी की पुनरावृत्ति नहीं हुई थी।

यह अध्ययन बताता है कि ऐसी दवाएं प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा कर सकती हैं, जो प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के लिए एक आशाजनक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।