मुंबई। भारतीय दवा बाजार में 7.8 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। मार्केट रिसर्च फर्म फार्मारैक के अनुसार इस साल अप्रैल में भारतीय दवा बाजार की वृद्धि 7.8 फीसदी रही। अधिकतर प्रमुख उपचारों में सकारात्मक मूल्य वृद्धि देखने को मिली है। घरेलू बाजार में करीब 25 फीसदी की हिस्सेदारी वाले हृदय रोग में 11 फीसदी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में 7.3 फीसदी मूल्य वृद्धि दर्ज की गई।
मूल्य वृद्धि बनी मुख्य कारण
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने कहा कि भारतीय दवा बाजार की आय में यह बढ़ोतरी कंपनियों द्वारा की गई मूल्य वृद्धि के कारण हुई, जिसमें मात्रात्मक वृद्धि एक साल पहले के मुकाबले 1.3 फीसदी रही।
इंडिया रेटिंग्स के निदेशक (कॉरपोरेट रेटिंग्स) निशीथ सांघवी ने कहा कि उम्मीद है कि दवाइयों की कीमतों में वृद्धि और नए उत्पादों की पेशकश के साथ गंभीर उपचारों में वृद्धि बरकरार रहने से चालू वित्त वर्ष 2026 में भारतीय दवा बाजार में 7 से 8 फीसदी वृद्धि देखने को मिलेगी। यूरोलॉजी और एंटीनियोप्लास्टिक्स जैसे कई सुपर ग्रुप ने भी अप्रैल में दो अंकों में वृद्धि दर्ज की, जिनकी आमतौर पर भारतीय दवा बाजार के बिक्री मूल्य में 2-2 फीसदी हिस्सेदारी रहती है।
एम्पाग्लिफ्लोजिन जैसी प्रमुख दवा का पेटेंट खत्म होनेसे अप्रैल में मधुमेहरोधी श्रेणी में बिक्री में 4.3 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। कई अन्य कंपनियों ने इस श्रेणी में प्लेन और संयोजन वाली दवाइयों की पेशकश की हैं।