नई दिल्ली। ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म पर नकली और घटिया दवाइयां धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। बता दें कि दुनियाभर में ऑनलाइन दवा मुहैया कराने वाले करीब 35 हजार प्लेटफॉर्म (फार्मेसी) अवैध रूप से चल रहे हैं। इन प्लेटफार्म पर कंज्यूमर्स को बेकार या नकली दवाएं मिलने का खतरा है।

अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव की ‘कुख्यात बाजारों’ पर सालाना रिपोर्ट में नकली प्रोडक्ट्स के बारे मे 19 देशों की पहचान की गई। इन देशों में भारत का नाम भी शामिल है।रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 36 ऑनलाइन रिटेलर्स जिनमें से कई चीन या एशिया के दूसरे जगहों पर हैं। ये कथित तौर पर नकली उत्पाद बेचने या अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल हैं। ऑनलाइन दवा मुहैया कराने वाले 96 फीसदी फार्मेसी गैरकानूनी रूप से बिना लाइसेंस के काम कर रहे थे। ये बिना मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन और सेफ्टी वॉर्निंग के दवाएं बेच रहे थे।

उनकी वेबसाइट अक्सर वैध ई-कॉमर्स मंचों की तरह दिखती हैं। इन पर झूठे दावे किए जाते हैं कि वे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अप्रूव्ड हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और यूएस ड्रग इंफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेश दोनों ने ऐसे सोर्सेज से चिकित्सकीय सलाह पर दवाएं खरीदने के जोखिमों के बारे में चेतावनी जारी की है।