बाराबंकी (उप्र)। अस्पताल प्रबंधक पर आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े को लेकर केस दर्ज हुआ है। मामला देवा रोड स्थित एमिकस हॉस्पिटल का है। यहां डॉक्टर के फर्जी मुहर हस्ताक्षर का प्रयोग करके पोर्टल पर कागजात अपलोड किए गए और इलाज के नाम पर लाभार्थियों से वसूली भी होती मिली। एसीएमओ की शिकायत पर अस्पताल के प्रबंधक पर केस दर्ज किया गया है।
एसीएमओ डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बताया कि देवा रोड पर बने एमिकस हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया था। अस्पताल के संचालक का नाम बतौर एमडी मेडिसिन डॉ. अरुण अभिषेक लिखा मिला। निरीक्षण में आयुष्मान योजना के कागजातों में उनकी मुहर व हस्ताक्षर भी मिले जबकि फोन पर बातचीत में पता चला कि वह तीन माह से अस्पताल गए ही नहीं हैं।
जांच के दौरान रजिस्टर पर दर्ज कर्मचारियों की जगह दूसरे लोग अस्पताल में काम करते मिले। योजना के तहत तीन मरीज भी भर्ती मिले।
एक मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर दर्शाया गया, मगर परीक्षण में मरीज पूरी तरह स्वस्थ मिला। जहांगीराबाद की एसएचओ गीता द्विवेदी ने बताया कि एमिकस हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ. विनीत श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया है और जांच शुरू कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। कई लाभार्थियों ने इस संबंध में अस्पताल पहुंचने पर इलाज खर्च के नाम पर हजारों रुपये वसूल किए जाने की शिकायत भी करा रखी है।