FSSAI: भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से स्वास्थ्य पूरक की गुणवता की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। देश के तमाम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों से कहा है कि वे न्यूट्रास्यूटिकल्स और हेल्थ सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए उनके निर्माण और बिक्री प्रक्रिया के दौरान जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। खाद्य आयुक्तों को मार्च के अंत तक अपनी कार्रवाही रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
FSSAI को बड़ी संख्या में स्वास्थ्य पूरकों के बाजारों में बेचे जाने की शिकायतें
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण को बड़ी संख्या में स्वास्थ्य पूरकों के बाजारों में बेचे जाने की शिकायतें मिली हैं। ये खाद्य पदार्थ खाद्य सुरक्षा और मानकों (स्वास्थ्य पूरक, न्यूट्रास्यूटिकल्स, विशेष आहार उपयोग के लिए भोजन, विशेष चिकित्सा उद्देश्य के लिए भोजन, प्रीबायोटिक और) के प्रावधानों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। एफएसएसएआई में नियामक अनुपालन के कार्यकारी निदेशक इनोशी शर्मा ने पत्र में कहा है कि इन सप्लीमेंट्स को झूठे, भ्रामक और अतिरंजित स्वास्थ्य लेबल दावों के साथ बाजार में उतारा जा रहा है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण को भेजे गए पत्र अनुतरित रहे
देश के खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग विनिर्देशों के साथ, भोजन या स्वास्थ्य की खुराक को न्यूट्रा नियमों के तहत विनियमित किया जाता है। असुरक्षित खाद्य पूरक उपभोग के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सहित पूरी दुनिया में पिछले कुछ दशकों में आहार पूरक की बहुत अधिक मांग है।
प्रतिस्पर्धी खेलों में, मांसपेशियों के निर्माण और शरीर की उचित टोनिंग कई उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करती है, ज्यादातर युवा पुरुष, प्रोटीन और अन्य खाद्य पूरक की ओर होते हैं। “आहार पूरक” के नाम पर, इनमें से कई उत्पाद गुर्दे, यकृत और अन्य अंगों और कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
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इससे पहले एफएसएसएआई ने एक बयान में कहा कि उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ (एफएसडब्ल्यू) मोबाइल खाद्य परीक्षण वैन तैनात करने का निर्देश दिया है, ताकि होली के त्योहार के मद्देनजर दूध और दूध उत्पादों में मिलावट की जांच की जा सके।