छपरा (बिहार)। दवा स्टोर में छापेमारी के दौरान ‘नॉट फॉर सेल’ दवाएं जब्त करने का मामला प्रकाश में आया है। संबंधित दवा दुकान का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है।
अमनौर थाना क्षेत्र के एक थोक दवा दुकान में लाखों रुपये कीमत की सरकारी दवाएं (नॉट फॉर सेल) पाई गई। एडीसी (सहायक औषधि नियंत्रक) विश्वजीत दास गुप्ता ने इस थोक दवा दुकान के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से कैंसिल कर दिया।
यह है मामला
जानकारी अनुसार भेल्दी थाना पुलिस ने कुंदन कुमार एवं कामेश्वर राय नामक दो युवकों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से काफी मात्रा में नॉट फॉर सेल लिखी सरकारी दवाएं बरामद की गई। दोनों आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों ने थोक दवा दुकान से उक्त दवाएं खरीदी थी। इसके बाद सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता के निर्देश पर औषधि निरीक्षक (ड्रग इंस्पेक्टर) अजय कुमार सिंह और असगर अंसारी ने अपनी टीम के साथ अमनौर थाना अंतर्गत लखनऊ स्थित मानस ड्रग एंटरप्राइजेज पर दबिश दी।
छापेमारी के दौरान विदुर कुमार तिवारी अनुपस्थित मिले और उनके पिता चंदेश्वर तिवारी मौके पर मौजूद थे। छापेमारी के दौरान स्टोर से तीन कार्टन में 11 प्रकार की दवाओं को बरामद किया गया। इस पर बिहार गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल लिखा हुआ था। सभी दवाएं स्वास्थ्य विभाग की थी और इन्हें जब्त कर लिया गया। इस संदर्भ में एडीसी (सहायक औषधि निरीक्षक) विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया कि संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।