नई दिल्ली। फार्मा निर्यात बढ़ाने के लिए भारत रूस, नीदरलैंड और ब्राजील पर नजर रखे हुए है। भारत के दवा निर्यात में अमेरिका का योगदान एक तिहाई से थोड़ा अधिक है। अमेरिका फार्मा उत्पादों पर 200 फीसदी तक टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। इससे निपटने के लिए भारत अन्य बाजारों में निर्यात बढ़ाना चाहता है।
यह है मामला
भारत रूस, नीदरलैंड और ब्राजील को दवा निर्यात बढ़ाने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य टैरिफ के चलते अमेरिका से आगे अन्य देशों में उपस्थिति बढ़ाना है। भारत के दवा निर्यात में अमेरिका का योगदान एक तिहाई से थोड़ा अधिक है। इसमें मुख्य रूप से लोकप्रिय दवाओं के सस्ते जेनेरिक संस्करण शामिल हैं। अमेरिका फार्मा उत्पादों पर 200 फीसदी तक टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। इससे निपटने के लिए भारत अन्य बाजारों में निर्यात बढ़ाना चाहता है। प्रमुख रूप से रूस, ब्राजील, नीदरलैंड और यूरोप के कुछ देशों पर नजर हैं।
टैरिफ से निपटने में मिलेगी मदद
भारत को उम्मीद है कि नई दिल्ली में होने वाले अंतरराष्ट्रीय औषधि प्रदर्शनी में इन बाजारों की नियामकीय चुनौतियों पर चर्चा होगी। इसमें वैश्विक नियामक हितधारक भी शामिल होंगे। इन देशों में नियामकीय चुनौतियों पर चर्चा होगी। भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार ब्रिटेन है। इसकी बिक्री 91.4 करोड़ डॉलर है। ब्राजील में 77.8 करोड़ डॉलर की दवाओं की बिक्री होती है।