नागपुर। नकली दवा के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करने में नागपुर ग्रामीण पुलिस को सफलता मिली है। नकली दवाओं की सपलाई में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विजय शैलेंद्र चौधरी को ठाणे के मीरा रोड इलाके से गिरफ्तार किया गया, जबकि रमन और रॉबिन तनेजा को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि यह गिरोह महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और हरियाणा में सक्रिय था।

आरोपियों ने लैब एवरटच बायो रेमेडीज और जिनक्स फार्माकॉन एलएलपी जैसी गैर-मौजूद फर्म के ब्रांड नामों के तहत सिप्रोफ्लोक्सासिन, लेवोफ्लोक्सासिन, एमोक्सिसिलिन, सेफिक्सिम और एजिथ्रोमाइसिन की नकली दवाओं की सप्लाई की थी।

बताया गया कि गिरोह कथित तौर पर चौधरी के व्यवसाय कैबिस जेनेरिक हाउस के माध्यम से काम करता था। इन्होंने फर्जी या बंद कंपनियों से संबंधित जाली दस्तावेज का उपयोग करके 15 करोड़ रुपये से अधिक कमाए। बताया गया है कि नकली दवाओं की बिक्री का मामला दिसंबर में तब प्रकाश में आया जब औषधि प्रशासन ने कलमेश्वर में एक दुकान से सिप्रोफ्लोक्सासिन गोलियां नकली बरामद की।