पटना (बिहार)। नकली दवाइयां बेचने वाले 16 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं। वे बीपी, शुगर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए नकली दवाएं बेच रहे थे। कुछ दुकानदार बिना बिल के दवाएं बेच रहे थे और नकली रैपर का इस्तेमाल कर रहे थे। औषधि नियंत्रण प्रशासन ने यह कार्रवाई की।
यह है मामला
राजधानी पटना में नकली दवाओं का बड़े खेल का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि शहर की कई दुकानों पर गंभीर बीमारियों की नकली दवाएं बेची जा रही थीं। इनमें बीपी, शुगर, एंटीबायोटिक, एलर्जी, गैस की दवाएं और इंजेक्शन तक शामिल हैं।
जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर 16 मेडिकल दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। औषधि नियंत्रण प्रशासन की टीम ने हाल में छापेमारी कर 38 से अधिक दवाओं के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे थे। रिपोर्ट में अधिकांश दवाएं फेल पाई गई हैं। इनमें टेल्मा-40 (बीपी), एंटीबायोटिक टैबलेट, गैस कैप्सूल, एलर्जी सिरप और कई तरह के इंजेक्शन शामिल हैं।
कई दुकानदार उत्तराखंड से कच्चे बिल पर दवाएं मंगाकर बेच रहे थे। नकली रैपर लगाकर दवाओं को बाजार में उतारा जा रहा था। कई दवाओं में जरूरी साल्ट भी मौजूद नहीं थे।
इन दुकानों पर कार्रवाई हुई
पीएमएस मेडिकल स्टोर, केके मेडिको, सन्नी मेडिकल, अमर इंटरप्राइजेज, कैजेम इंटरप्राइजेज, मधु फार्मा, महालक्ष्मी मेडिको, सिन्हा केयर बायोसाइंस, साक्षी इंटरप्राइजेज, रानी फार्मा, अंशुल मेडिकल सेंटर, सिंडिकेट फार्मा आदि पर कार्रवाई हुई है।