नागपुर। मानव अंगों में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है। इसके चलते विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि माइक्रोप्लास्टिक मानव शरीर में घुसपैठ कर रहे हैं और महत्वपूर्ण अंगों में अपना घर बना रहे हैं। इससे मानव स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

हाल ही में किए गए अध्ययनों में न केवल रक्त और फेफड़ों के ऊतकों में बल्कि मस्तिष्क, अंडाशय, प्लेसेंटा में भी माइक्रोप्लास्टिक मिले हंै। क्लिनिकल डाइटीशियन मालविका फुलवानी ने कहा कि हम जिस प्लास्टिक का हर दिन उपयोग करते हैं, वह हमारे मस्तिष्क और प्रजनन अंगों में प्रवेश कर रहा है। मार्च 2024 में, विएना के मेडिकल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि माइक्रो और नैनो प्लास्टिक रक्त-मस्तिष्क अवरोध को पार कर सकते हैं।

इससे न्यूरोइन्फ्लेमेशन, बिगड़ी हुई याददाश्त और अपक्षयी मस्तिष्क स्थितियों का डर पैदा होता है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. निनाद श्रीखडे ने चेतावनी दी कि मस्तिष्क में कोशिकीय क्षति अपरिवर्तनीय हो सकती है। माइक्रोप्लास्टिक से जुड़ी तंत्रिका सूजन एक दिन अल्जाइमर या पार्किंसंस जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है। यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है।