नशीली दवाओं के कारोबार का पर्दाफाश

नशीली दवाओं के कारोबार का पर्दाफाश

Durg: छत्तीसगढ़ की दुर्ग (Durg) पुलिस ने राज्य में चल रहे नशीली दवाओं के बड़े कारोबार का पर्दापाश किया है। पुलिस ने नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले तीन आरोपियों को 9,600 नशीली टैबलेट के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक वेटनरी डॉक्टर भी शामिल है। पुलिस ने जानकारी दी कि जब्त दवाईयों की कीमत 70 हजार रुपए से अधिक है। आरोपियों के खिलाफ  धारा 22 नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। तीनों आरोपी कूरियर के माध्यम से नशीली दवाईयां मंगाते थे।

Durg पुलिस नजर बनाए हुई थी

एसपी अभिषेक पल्लव ने जानकारी दी कि दुर्ग पुलिस ने काफी वक्त से नशे का अवैध व्यापार करने वाले पर अपनी नजरें बनाई हुई थी। एसपी ने कहा इस संबंध में थाना प्रभारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए थे।  पुलिस को गुप्त सूचना से जानकारी लगी कि भिलाई नगर थाना क्षेत्र के सेक्टर 7 निवासी मोनू सरदार उर्फ विजय गिल नशीली दवाओं का बिजनेस करता है और भारी मात्रा में नशीली दवा युवाओं के बीच बेच रहा है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी मोनू सरदार को रंगे हाथों पकड़ने का प्लान बनाया। इस बीच मुखबिर से सूचना प्राप्त कि सेक्टर-7 भिलाई ओव्हर ब्रिज के गार्डन के पास एक कार और बुलेट मोटर शाम के वक्त में कुछ लड़के नशीली दवाइयां बेचने के लिए ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं। सूचना मिलने पर भिलाई नगर पुलिस मौके पर पहुंची और कार में बैठे तीनों लड़कों को हिरासत में लिया। पुलिस को मौके से भारी मात्रा में प्रतिबंधित टैबलेट के डिब्बे बरामद हुए हैं।

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बिहार से मांगते थे दवाई

एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि  आरोपी बिहार से ऑनलाइन ऑडर के जरिए नशीली दवा मंगाकर प्लांट में कर्मचारी व अन्य लोगों को दोगुनी कीमत पर बेचते थे। गिरफ्तार तीन आरोपियों में से एक आरोपी वेटनरी डॉक्टर है। जबकि अंकुश कुमार पूर्व में दो बार NDPS की सजा काट चुका है। अंकुश एक माह पहले ही जेल से बाहर आया था और मोनू सरदार जी डीपीएस स्कूल में बस ड्राइवर है। मोनू सरदार कई सालों से ये व्यापार कर रहा था।

 

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