दवा कंपनी के धोखे का शिकार हुए रिटा. जज

दमोह (म.प्र.): दवाओं में हेराफेरी से आम आदमी तो रोजाना दो-चार होता है लेकिन अब एक सेवानिवृत्त जज को भी दवा कंपनी के धोखे का शिकार होना पड़ा। विटामिन के नाम पर खाली कैप्सूल मिलने की शिकायत जज ने ड्रग इंस्पेक्टर के मोबाइल पर भेजी। साथ ही उन्होंने नकली और घटिया दवा बिक्री के संबंध में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को पत्र लिखा।

जानकारी के मुताबिक, असाटी वार्ड नंबर-एक में रहने वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीकांत चौधरी ने कर्मचारी से जिला अस्पताल के सामने मेडिकल स्टोर से विटामिन के कैप्सूल मंगवाए। जब वह कैप्सूल निगलने लगे तो उन्हें लगा मानो कैप्सूल का खाली कवर (जेलाटिन) है, उसमें दवा बिल्कुल नहीं है। शक होने पर जब दूसरा कैप्सूल खोलकर देखा तो उसमें दवा का अंश भी नहीं मिला। पत्ते में छह कैप्सूल खाली पाए गए। दवा में धोखेबाजी से गुस्साए जज ने मेडिकल स्टोर पर शिकायत भेजी। साथ ही दमोह के ड्रग इंस्पेक्टर देवेंद्र जैन को मोबाइल पर मैसेज किया।

जज चौधरी ने बताया कि मरीज जिन दवाओं को यह सोचकर खा रहे हैं कि उन्हें स्वास्थ्य लाभ होगा, दरअसल ड्रग विभाग की लापरवाही से उनमें बहुत खोट है। दवाओं की गुणवत्ता को लेकर कोई खास एक्शन नजर नहीं आता। समय पर ड्रग इंस्पेक्टर सेंपल नहीं लेते। जब कभी लेते भी हैं तो कोई प्रकरण नहीं बनाया जाता। ड्रग इंस्पेक्टर जैन ने शिकायत के आधार पर सेंपलिंग कराने की बात कही है। सूत्रों की मानें तो जिले में ड्रग इंस्पेक्टर पदस्थ नहीं हैं। पिछले एक साल से छतरपुर के ड्रग इंस्पेक्टर के पास दमोह का चार्ज है। वे दमोह बहुत कम आते हैं जबकि दमोह में बड़े स्तर पर घटिया दवाओं का धंधा चलता है।

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