केंद्र सरकार ने गंभीर बीमारियों की दवाओं पर इंपोर्ट ड्यूटी की खत्म

केंद्र सरकार ने गंभीर बीमारियों की दवाओं पर इंपोर्ट ड्यूटी की खत्म

Customs Duty on Medicine: केंद्र सरकार ने गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आयातित दवाओं पर इंपोर्ट ड्यूटी (Customs Duty on Medicine) खत्म कर दी है। कई ऐसी गंभीर बीमारियां हैं जिनके इलाज में इस्तेमाल होने वाली  दवाएं भारत विदेशों से मंगवाता है। इन दवाओं की कीमत तो अधिक होती ही है साथ ही इन दवाओं पर सीमा शुल्क भी अदा करना पड़ता है। जिसकी वजह से इन दवाओं की कीमत बढ़ जाती है। ऐसे में केंद्र सरकार गंभीर बीमारियों से जूझ रहे पीड़ित मरीजों को एक बड़ा तोहफा दे डाला है। यह छूट 1 अप्रैल 2024 से लागू हो जायेगी।

कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर छूट (Customs Duty on Medicine)

सरकार ने अलग-अलग प्रकार के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली पेमब्रोलीजूमाब (केट्रूडा) को भी इंपोर्ट ड्यूटी के शुल्क से मुक्त कर दिया है। दवाओं पर आम तौर पर 10 प्रतिशत का बुनियादी सीमा शुल्क लगता है, जबकि जीवन रक्षक दवाओं/टीकों की कुछ श्रेणियों पर 5 प्रतिशत या शून्य की रियायती दर लगती है।

वित्त मंत्रालय ने जारी किया बयान 

वित्त मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021 के तहत सूचीबद्ध सभी दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित सभी दवाओं और विशेष चिकित्सा उद्देश्यों के लिए खाद्य पर मूल सीमा शुल्क से पूर्ण छूट दी है।

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स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी या डूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज के लिए निर्धारित दवाओं के लिए छूट पहले से प्रदान की जाती है, लेकिन सरकार को ऐसे कई प्रतिवेदन मिल रहे थे, जिनमें अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और औषधियों के लिए सीमा शुल्क में राहत का अनुरोध किया गया था। इन रोगों के इलाज के लिये दवाएं या विशेष खाद्य सामग्रियां बहुत महंगी हैं तथा उन्हें आयात करने की जरूरत होती है।

 

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