डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, मासूम की उंगली की जगह पूरा पैर काटकर कचरे में फेंका

डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, मासूम की उंगली की जगह पूरा पैर काटकर कचरे में फेंका

Bhagalpur: बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) में एक अस्पताल से डॉक्टर की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आ रहा है। डॉक्टर की इस लापरवाही के कारण एक 11 वर्षीय मासूम बच्ची की जिंदगी हमेशा के लिए खराब हो गई। 18 अप्रैल को बच्ची का बोलेरो से एक्सीडेंट हो गया था। एक्सीडेंट होने पर बच्ची को भागलपुर के मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इलाज के दौरान डॉक्टर ने बच्ची के पैर की उंगली काटने की बात कही। लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बच्ची का पूरा पैर काटकर कचरे में फेंक दिया। बच्ची की ये हालत देखकर उसके पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बच्ची के पिता डॉक्टर से अपनी बेटी के कटे पैर लेने की गुहार करने लगे। इसके बाद पिता ने  खुद कुदाल से उस कचरे से अपनी बच्ची के कटे पैर को निकाला।

1 उंगली की जगह पूरा पैर काट डाला (Bhagalpur) 

मनमोहन कुमार पंडित की 11 वर्षीय बेटी पूजा कुमारी का 18 अप्रैल को एक्सीडेंट हो गया था। बच्ची को आनन-फानन में मायागंज अस्पताल के स्नातकोत्तर हड्डी विभाग में इलाज के लिए ले जाया गया। एक्सीडेंट के दौरान बच्ची के पैर की उंगली पूरी तरह से फैक्चर हो चुकी थी। डॉक्टर मस्ती आजम ने उसके पिता मनमोहन पंडित से पैर की उंगली काटने की बात कही और ऑपरेन में जुट गए। लेकिन ऑपरेशन के बाद पता चला कि उंगली की जगह डॉक्टर ने तो बच्ची का पूरा पैर ही काट डाला।

बच्ची के पिता मनमोहन पंडित का अपनी बेटी का ये हाल देखकर रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उन्होंने रोते हुए कहा कि  मेरी बच्ची का इलाज अगर डॉक्टर अच्छे तरीके से करते तो शायद यह स्थिति नहीं होती। डॉक्टर ने कहा था उंगली कटेगी, लेकिन उन्होंने मेरी बच्ची का पूरा पैर ही काट डाला। यह कहीं से सही नहीं है, यह डॉक्टर की लापरवाही है। वह अपने क्लीनिक में विशेष ध्यान देते हैं, मायागंज अस्पताल में बिल्कुल भी नहीं, वह अपने सहायक पर मरीज को छोड़ देते हैं। मुझे उन्होंने अपने पर्सनल क्लीनिक ततारपुर में बुलाया था। मैंने खुद कचरे से जाकर अपनी बच्ची का पैर निकाला।

डॉक्टर पर कार्रवाही की मांग 

इस मामले पर मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर प्रोफ़ेसर उदय नारायण सिंह ने कहा कि परिजन की मुझसे मुलाकात हुई है। मैंने कह दिया है कि लिखित आवेदन दीजिए, आपके शिकायत पर कार्रवाई होगी। मेडिकल बोर्ड बनाया जाएगा और देखा जाएगा। यह आरोप लगाने वाले की नासमझी है या फिर डॉक्टर की गलती, यह समिति तय करेगी। डॉक्टर की लापरवाही है तो उनके खिलाफ कार्रवाही की जायेगी।

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